नई दिल्ली: देश में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला दिल्ली में वसंत कुंज इलाके के सिंधी मोहल्ले में सामने आया, जिससे स्थानीय निवासी डर के साए में जी रहे हैं. यहां दो अलग-अलग घटनाओं में दो सगे भाइयों की मौत हो गई. इन बच्चों के शव पर कुत्तों के काटने के निशान मिले हैं. इसपर ईटीवी भारत की टीम जब ग्राउंड जीरो पर जायजा लेने के लिए पहुंची तो देखा कि किस प्रकार से इलाके में रहने वाले लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.
दरअसल वसंत कुंज इलाके के सिंधी मोहल्ले में बीते दिनों में दो सगे भाइयों की कुत्तों के काटने से मौत हो गई. ईटीवी भारत की टीम ने जब मृतक बच्चों की मां सुषमा से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके बेटों का नाम आनंद (7) साल और आदित्य (5) था. उन्होंने बताया कि उनका एक बड़ा बेटा भी है, जिसकी उम्र 9 साल है. सुषमा ने बताया कि, पहली घटना में उनका 7 वर्षीय बेटा, 10 मार्च को ताई के घर खाना खाने गया था, लेकिन वापस घर नहीं लौटा. जब पुलिस को खबर की गई तो काफी खोजबीन करने के बाद उसका खून से सना शव मिला, जिस पर आवारा जानवरों के काटने के निशान थे.
इस घटना के बाद घर में दहशत का माहौल था. बच्चे की मौत होने से सभी लोग परेशान थे और घर के बच्चों को बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा था. इस बीच 12 मार्च को अचानक उनका छोटा आदित्य बेटा बाहर चला गया और जब उसे खोजा गया तो वह भी खून से लथपथ पड़ा मिला. उसे भी आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया था. सुषमा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनका सब कुछ खत्म हो गया है. तीन बच्चों में दो की मौत हो चुकी है. वहीं इस पूरी घटना के बाद से वसंत कुंज इलाके में स्थानीय पुलिस गश्त कर रही है और आवारा कुत्तों को ढूंढा जा रहा है.
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वहीं इस घटना को लेकर इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और वहां जो भी परिवार रहते हैं, उनके अंदर दहशत का माहौल है. ईटीवी भारत से बात करते हुए यहां रहने लोगों ने बताया कि, जब से यह घटना हुई है उसके बाद से ही हम डर के साए में जी रहे हैं. सभी लोग लाठी डंडे लेकर घूम रहे हैं और बच्चों को शौच कराने के लिए उनके साथ बड़े लोग जंगल में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, हमारे आसपास एरिया में सरकार द्वारा बनवाए गए शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसमें हम शौच कर सकें. अब तो इतना डर लगने लगा है कि रात को सोने में भी डर लगता है क्योंकि दो-तीन दिन पहले ही पॉलीथिन के त्रिपाल में रहने वाले लोगों को भी कुछ कुत्तों ने काट लिया था. फिलगाल हम लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
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