नई दिल्ली : अनुराग मंडल एक एंबुलेंस ड्राइवर हैं. बीते दिनों उनकी मां कोरोना संक्रमित हो गईं. उन्हें पहले से ब्लड प्रेशर की शिकायत थी, इसलिए जल्दी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अनुराग का कहना है कि हॉस्पिटल में भर्ती कराने तक उनकी मां की स्थिति उतनी खराब नहीं थी, लेकिन भर्ती कराए जाने के बाद से स्थिति बिगड़ती गई. अस्पताल की तरफ से दवाओं से लेकर पैसे तक की फरमाइश की जाने लगी और यह फरमाइश 5 लाख रुपए तक पहुंच गई.
'4 लाख देकर भी आंटी को नहीं बचा सके'
कोरोना के इस कहर से अपनों को बचाने की जैसी कोशिश सब कर रहे हैं, अनुराग ने भी की. पैसे इकट्ठे करने शुरू किए और बकौल अनुराग, अस्पताल को साढ़े 3 लाख तक का भुगतान कर दिया. लेकिन इसके बावजूद अपनी मां को नहीं बचा सके.
मुंडका के नेस्टिवा हॉस्पिटल का जिक्र करते हुए अनुराग बताते हैं कि उस अस्पताल ने उनसे उनकी मां का साया छीन लिया. कुछ ऐसी ही कहानी सपना ने भी बताई, जिनकी आंटी को करीब 4 लाख का भुगतान करने के बावजूद अस्पताल नहीं बचा पाया.
'भारी भुगतान के बावजूद नहीं बचे कई मरीज'
राजधानी दिल्ली में इन दिनों दर्द की ऐसी अनगिनत कहानियां सुनी जा सकती हैं. हालांकि दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए इलाज का रेट तय किया हुआ है. लेकिन इसके बावजूद कई अस्पताल अभी भी मनमानी वसूली कर रहे हैं. कई मामलों में परिजन अपने मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवाज नहीं उठाते और भुगतान कर देते हैं, लेकिन कई मामलों में इसके बावजूद मरीज को बचाया नहीं जा पाता.
दिल्ली सरकार द्वारा प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए तय राशि-
एम्बुलेंस के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से तय किराया-
- सामान्य एम्बुलेंस शुरुआती 10 किलोमीटर के लिए ज्यादा से ज्यादा 1500 रुपए ले सकते हैं. 10 किलोमीटर के बाद, 100 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज किया जा सकता है.
- लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के लिए सरकार ने 10 किलोमीटर का अधिकतम 2 हजार रुपया चार्ज तय किया है. 10 किलोमीटर के बाद लाइफ सपोर्ट वाले एम्बुलेंस भी 100 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज कर सकेंगे.
- डॉक्टर की मौजूदगी वाले एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस का शुरुआती 10 किलोमीटर के लिए चार्ज 4 हजार रुपए होंगे. 10 किलोमीटर के बाद इसके लिए भी 100 रुपए प्रति किलोमीटर का चार्ज तय किया गया है.
- इस आदेश की किसी भी तरह की अवहेलना या ज्यादा पैसे वसूलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई के तहत, एम्बुलेंस ड्राइवर का लाइसेंस और एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैंसल किया जा सकता है. इसके अलावा, एम्बुलेंस भी जब्त की जा सकती है.
दिल्ली सरकार के अन्य कदम
- Tocilizumab और Amphotericin-B इंजेक्शन के गलत प्रयोग को रोकने और कोरोना के मामले में सही व सुचारू वितरण को लेकर दिल्ली सरकार ने टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी गठित की है.
- अस्पतालों की तरफ से इन इंजेक्शन की मांग पर यह कमेटी करती है विचार और कमेटी की तरफ से निर्णय के बाद डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज की तरफ से इंजेक्शन मुहैया कराया जाता है.
- ऑक्सीजन की सुचारू सप्लाई के लिए दिल्ली सरकार ने नियुक्त किए हैं नोडल ऑफिसर, ये अस्पतालों तक सप्लाई सुनिश्चित कराते हैं.
- अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टॉक और इस्तेमाल की मॉनिटरिंग के लिए दिल्ली सरकार के 13 अस्पतालों में दो-दो सदस्यीय ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी बनाई गई है.
- सभी जिलों में बनाया गया है ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बैंक, जिनके जरिए होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे जरूरतमों तक की जाती है सप्लाई. इसके अलावा, पूरी दिल्ली में सिलेंडर वितरण सेंटर भी बने हैं, जहां से दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर अप्लाई करने के बाद स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से सिलेंडर लिया जा सकता है.
ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने को दिल्ली पुलिस कर रही काम
ऑक्सीजन, दवा एवं बेड के नाम पर ठगी करने वाले अब तक 120 लोगों की दिल्ली पुलिस ने की है गिरफ्तारी, दवा की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार हुए हैं 25 लोग, वहीं ओवरचार्जिंग में अब तक 15 एम्बुलेंस चालकों की हुई है गिरफ्तारी.
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'सीएम ने की थी राहत योजनाओं की घोषणा'
कोरोना इलाज और अस्पतालों से जुड़ी सेवाओं में तो सरकार द्वारा राशि तय है ही. इसके अलावा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उन लोगों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की, जिनके परिजनों की कोरोना से मौत हुई है. ऐसे लोगों के लिए 5 हजार के मुआवजे की घोषणा की गई है.
इसके अलावा, जिन लोगों के घरों में किसी कमाने वाले सदस्य की मौत हुई है, उनके लिए ढाई हजार रुपए हर महीने पेंशन का ऐलान किया गया है. साथ ही अनाथ हुए बच्चों को भी दिल्ली सरकार अगले 25 साल तक ढाई हजार रुपए हर महीने देगी और उनकी पढ़ाई की भी व्यवस्था करेगी.
72 लाख राशन कार्ड धारकों को भी इस महीने 10 किलो मुफ्त राशन देने की बात कही गई है, साथ ही बिना कार्ड वालों को भी सरकार राशन मुहैया कराएगी.