गुवाहाटी : असम के बागजान स्थित तेल कुएं में पिछले पांच माह से आग लगी थी. आग को बुझाने के लिए कनाडा से स्नबिंग मशीन लाई गई थी. लगातार पांच महिने जलने के बाद आग पर 15 नवंबर को काबू पा लिया गया था. इस आग न सिर्फ आस-पास के पारिस्थितिकी तंत्र को गहरी क्षति पहुंचाई है बल्कि कई सौ लोगों का इस आग ने सब कुछ तबाह कर दिया है.
ऑयल इंडिया लिमिटेड ने प्रभावित लोगों को मुआवजा आद करने की बात कही है. हालांकि कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें अभी तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है. रोंगाओरा गांव के कुछ लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. बता दें कि बागजान गांव के लोगों को मुआवजा मिल चुका है. लेकिन कुछ अन्य गावों के लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है.
बागजान में स्थित तेल के कुएं में इस वर्ष 27 मई को आग लग गई थी. इस आग में वहां रहने वालों का सब कुछ खाक हो गया. आग ने क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित किया है. कुएं से बहते तेल और आग से निकलते जहरीले धुएं के कारण अनगिनत जानवर, चिड़ियाएं और मछलियां मारी गई थीं. आग से हुई तबाही ने लोगों की आजिविका के साधनों को भी छीन लिया है.
ऑयल इंडिया ने दावा किया है कि उसने स्थिानीय प्रशासन को मुआवजे की रकम अदा कर दी है. स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि शुरुआत में ऑयल इंडिया हर माह के लिए 50 हजार रुपये देने की बात कही थी, उन्हें सिर्फ एक बार 50 हजार रुपये मिले हैं.
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मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनपर हमला किया. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर भी धांधली का आरोप लगाया है. प्रदर्शकारियों ने कहा कि जब तक उनको मुआवजा नहीं मिल जाता वह भूख हड़ताल जारी रखेंगे.