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पेंशनभोगियों का मोदी से डीए और डीआर का बकाया दिलाने का आग्रह - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह

भारतीय पेंशनभोगी मंच ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) का बकाया जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है. मंच ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है. पढ़ें पूरी खबर...

पेंशनभोगी
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Published : Sep 12, 2021, 2:09 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय पेंशनभोगी मंच (Bharatiya Pensioners Manch - BMS) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) का बकाया जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है. मंच ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.

पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने कोविड-19 महामारी की वजह से डीए में बढ़ोतरी को 30 जून, 2021 तक रोक दिया था.

इस साल जुलाई में सरकार ने एक जुलाई, 2021 से डीए और डीआर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है. इसका लाभ केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों तथा 65 लाख पेंशनभोगियों को मिला है.

एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक DA की दर 17 प्रतिशत थी. सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए DA और DR का कोई बकाया जारी नहीं किया था.

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बीएमएस ने कहा, आपसे इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया जाता है. आप वित्त मंत्रालय को एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 की अवधि के लिए रोके गए डीए/डीआर को जल्द जारी करने का निर्देश दें. इस बारे में तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे.

पत्र में कहा गया है कि डीए/डीआर पर रोक की अवधि के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और साथ ही वाहन ईंधन, खाद्य तेल और दलहन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं.

मंच ने कहा कि डीए/डीआर के भुगतान का उद्देश्य कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों की जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है. अब जबकि यह लागत बढ़ चुकी है कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका भुगतान नहीं करना अनुचित होगा.

पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर पेंशनभोगी बड़ी उम्र के लोग हैं. ऐसे में उन्हें चिकित्सा के लिए पैसे की जरूरत होती है. साथ ही कोविड-19 संकट की वजह से जयादातर जिंसों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं. ज्यादातर पेंशनभोगियों की आय इतनी होती है कि वे सिर्फ अपना पेट भर सकते हैं.

पढे़ं : ईपीएस-95 के तहत पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर PM मोदी से मिले पेंशनर

मंच ने कहा, इस बात में शक नहीं है कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ज्यादातर पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में एक दिन की पेंशन का योगदान दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय पेंशनभोगी मंच (Bharatiya Pensioners Manch - BMS) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) का बकाया जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है. मंच ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.

पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने कोविड-19 महामारी की वजह से डीए में बढ़ोतरी को 30 जून, 2021 तक रोक दिया था.

इस साल जुलाई में सरकार ने एक जुलाई, 2021 से डीए और डीआर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है. इसका लाभ केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों तथा 65 लाख पेंशनभोगियों को मिला है.

एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक DA की दर 17 प्रतिशत थी. सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए DA और DR का कोई बकाया जारी नहीं किया था.

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बीएमएस ने कहा, आपसे इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया जाता है. आप वित्त मंत्रालय को एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 की अवधि के लिए रोके गए डीए/डीआर को जल्द जारी करने का निर्देश दें. इस बारे में तत्काल कार्रवाई पर हम अत्यंत आभारी रहेंगे.

पत्र में कहा गया है कि डीए/डीआर पर रोक की अवधि के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और साथ ही वाहन ईंधन, खाद्य तेल और दलहन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं.

मंच ने कहा कि डीए/डीआर के भुगतान का उद्देश्य कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों की जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है. अब जबकि यह लागत बढ़ चुकी है कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका भुगतान नहीं करना अनुचित होगा.

पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर पेंशनभोगी बड़ी उम्र के लोग हैं. ऐसे में उन्हें चिकित्सा के लिए पैसे की जरूरत होती है. साथ ही कोविड-19 संकट की वजह से जयादातर जिंसों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं. ज्यादातर पेंशनभोगियों की आय इतनी होती है कि वे सिर्फ अपना पेट भर सकते हैं.

पढे़ं : ईपीएस-95 के तहत पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर PM मोदी से मिले पेंशनर

मंच ने कहा, इस बात में शक नहीं है कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है. ज्यादातर पेंशनभोगियों ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में एक दिन की पेंशन का योगदान दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

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