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India Israel defence deal : सुप्रीम कोर्ट में याचिका, अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट पर जांच की मांग

सुप्रीम कोर्ट में भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच की मांग करते हुए याचिका दायर (plea in SC demanding India Israel defence deal 2017 probe) की गई है. अदालत से अपील की गई है कि अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए भारत और इजराइल के बीच डिफेंस डील (India Israel defence deal New York Times report) की जांच कराई जाए. यह मामला इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का प्रयोग कर भारत में कथित जासूसी के आरोपों (Pegasus snooping row) से भी जुड़ा हुआ है.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jan 30, 2022, 2:28 PM IST

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus snooping row) में उच्चतम न्यायालय में नई याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच की अपील की है. जानकारी के मुताबिक इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अदालत से इस विषय पर अमेरिकी समाचार पत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर का संज्ञान लेते हुए 2017 में हुए भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया गया है.

गौरतलब है कि 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर में दावा किया गया है कि भारत ने इजराइल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था. समाचार पत्र के इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया है और विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अवैध जासूसी में लिप्त है, जो 'देशद्रोह' के समान है.

पेगासस के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष मूल याचिकाएं दाखिल करने वालों में शामिल अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने यह याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि सौदे को संसद की मंजूरी नहीं मिली थी, लिहाजा इसे रद्द करके धनराशि वसूल की जानी चाहिये. शर्मा ने शीर्ष अदालत से न्यायहित में एक आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए तथा पेगासस स्पाइवेयर खरीद सौदे एवं सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की जांच का उपयुक्त निर्देश जारी करने अनुरोध किया है.

अमेरिकी अखबार में भारत इजराइल डिफेंस डील की खबर
'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर में दावा किया गया है कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के 'केंद्रबिंदु' थे.

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने 'द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन' शीर्षक से खबर में कहा है कि इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से 'अपने निगरानी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच' रही था और उसका दावा है कि कि वह जैसा काम कर सकती है, वैसा कोई और नहीं कर सकता.

यह भी पढ़ें- Pegasus Snooping : सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच की मांग पर कहा- गठित होगी समिति

पिछले साल, इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया था कि भारत में इजराइली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके लोगों को निशाना बनाकर निगरानी की जा रही है. 27 अक्टूबर को, उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करते हुए कहा था कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बता कर सवालों से बच नहीं सकती.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus snooping row) में उच्चतम न्यायालय में नई याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच की अपील की है. जानकारी के मुताबिक इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अदालत से इस विषय पर अमेरिकी समाचार पत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर का संज्ञान लेते हुए 2017 में हुए भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया गया है.

गौरतलब है कि 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर में दावा किया गया है कि भारत ने इजराइल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था. समाचार पत्र के इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया है और विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अवैध जासूसी में लिप्त है, जो 'देशद्रोह' के समान है.

पेगासस के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष मूल याचिकाएं दाखिल करने वालों में शामिल अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने यह याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि सौदे को संसद की मंजूरी नहीं मिली थी, लिहाजा इसे रद्द करके धनराशि वसूल की जानी चाहिये. शर्मा ने शीर्ष अदालत से न्यायहित में एक आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए तथा पेगासस स्पाइवेयर खरीद सौदे एवं सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की जांच का उपयुक्त निर्देश जारी करने अनुरोध किया है.

अमेरिकी अखबार में भारत इजराइल डिफेंस डील की खबर
'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर में दावा किया गया है कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के 'केंद्रबिंदु' थे.

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने 'द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन' शीर्षक से खबर में कहा है कि इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से 'अपने निगरानी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच' रही था और उसका दावा है कि कि वह जैसा काम कर सकती है, वैसा कोई और नहीं कर सकता.

यह भी पढ़ें- Pegasus Snooping : सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच की मांग पर कहा- गठित होगी समिति

पिछले साल, इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया था कि भारत में इजराइली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके लोगों को निशाना बनाकर निगरानी की जा रही है. 27 अक्टूबर को, उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करते हुए कहा था कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बता कर सवालों से बच नहीं सकती.

(पीटीआई-भाषा)

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