नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद ने राजनीतिक जगत में खलबली पैदा कर दी है. विपक्ष अचानक ही सरकार पर हमलावर हो गई है. इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की जासूसी करवाई गई है. जासूसी के कारण और समय पर कांग्रेस ने लिखा कि 2021 में पश्चिम बंगाल चुनावों में ऐसा कराया गया. मोदी सरकार का डर अंतहीन है.
कांग्रेस ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 2019 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर रंजन गोगोई का उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की भी जासूसी करवाई गई. कांग्रेस ने इसका बताते हुए लिखा कि महिला ने गोगोई के खिलाफ एक शपथ पत्र दिया था इसके बाद उसकी जासूसी करवाई गई और गोगोई ने कर्नाटक में हार्स ट्रेडिंग मामले में भाजपा को क्लीन चिट दी.
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PM Modi took the adage, "keep your enemies closer" a little too far. #PegasusSnoopgate pic.twitter.com/YfaIP2rH44
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गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले भी पेगासस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुकी है. कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन दावा किया कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.
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First of all, it is outrageous that the Modi govt has stalked a young woman and her family for simply filing a complaint.
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Second, the chronology here is far too obvious. #PegasusSnoopgate pic.twitter.com/5kxRURCS61
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सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
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क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका वीडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.
क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?
कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .