मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार (NCP president Sharad Pawar) ने मणिपुर में जारी हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सत्ता और संसाधनों का उपयोग नहीं करने के लिए बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की. मणिपुर में जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. राकांपा के 24वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य हैं और पड़ोसी देशों द्वारा उसकी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का दुरुपयोग किया जा सकता है.
पवार ने कहा, 'राज्य पिछले 45 दिनों से हिंसा देख रहा है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के पास मौजूदा स्थिति और इससे क्या हो सकता है के बारे में सोचने का समय नहीं है.' राज्यसभा सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा कर रहे हैं, को देश की आंतरिक स्थिति से निपटने पर ध्यान देना चाहिए. राकांपा नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री जहां चाहें वहां जा सकते हैं, लेकिन पहले उन्हें आंतरिक स्थिति से निपटना चाहिए और इसके लिए सत्ता की शक्ति का इस्तेमाल (मणिपुर में स्थिति सुधारने के लिए) नहीं किया जा रहा है.'
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार मणिपुर में झड़पें हुईं. राकांपा प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पिछले महीने नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि मोदी नहीं चाहते थे कि भवन खोलने के लिए प्रोटोकॉल और संवैधानिक पदानुक्रम में उनसे ऊपर कोई हो.
उन्होंने आरोप लगाया, 'संस्थाओं और संवैधानिक पदों का सम्मान नहीं किया जा रहा है.' पटना में भाजपा विरोधी दलों की 23 जून की बैठक के बारे में पवार ने कहा, 'विपक्षी दल एक साथ बैठेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ आने की नीति तैयार करेंगे.' पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने दावा किया कि महाराष्ट्र में पिछले पांच महीनों में ही 391 किसानों ने आत्महत्या की है.
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(पीटीआई-भाषा)