नई दिल्ली : पवन वर्मा और कीर्ति आजाद मंगलवार काे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. सीएम ममता बनर्जी की मौजूदगी में दिल्ली में इन्होंने TMC की सदस्यता ग्रहण की. माना जा रहा है कि पवन वर्मा काे टीएमसी के संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. वैसे वे बिना किसी शर्त के टीएमसी में शामिल हुए हैं.
आपकाे बता दें कि इससे पहले वह जदयू में थे. जदयू के राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं. जून 2014 से जुलाई 2016 तक सांसद थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले वह भारतीय विदेश सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं.
पिछले साल जनवरी में पवन वर्मा को नीतीश कुमार से लंबी खींचतान के बाद जदयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. तब से वह किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए थे.
बीच में अटकलें लगायी जा रही थी कि वह कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. जदयू में पवन वर्मा लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे. BJP से जब से जदयू का गठबंधन हुआ था तब से वह नीतीश व जदयू से नाराज चल रहे थे.
पवन वर्मा के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी जदयू से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे.
प्रशांत किशोर को जदयू में लाने में पवन वर्मा की बड़ी भूमिका थी. पवन वर्मा ऐसे नेता हैं जिनकी विपक्षी दलों में अच्छी पकड़ है. एक अच्छे प्रवक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं. मजबूती के साथ, तथ्यों के साथ जिस पार्टी में रहते हैं उसका पक्ष रखते हैं.
वहीं कीर्ति आजाद 1983 की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे. दिसंबर 2015 में दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ में कथित अनियमितताओं तथा भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को खुले तौर पर निशाना बनाने के लिए उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया था. वह 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
आजाद बिहार की दरभंगा संसदीय सीट से तीन बार निर्वाचित हो चुके हैं. 2014 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ा था.
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