पटना : जेडीयू ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Jdu Press Conference ) की. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी का जेडीयू से इस्तीफे का मुद्दा (RCP resign from jdu) छाया रहा. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सभी सवालों का एक एक कर जवाब दिया. उन्होंने आरसीपी सिंह के इस्तीफे पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें देर सबेर पार्टी छोड़कर जाना ही था. क्योंकि उनका तन यहां था और मन कहीं और था. जब मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि 'मन' कहां था तो इस सवाल को चालाकी से जवाब देकर टाल गए. बता दें कि आरसीपी सिंह जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं. फिलहाल राज्य सभा के उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के कारण उनका कार्यकाल खत्म हो गया था, इस वजह से उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा. वहीं पार्टी की ओर से संपत्ति विवाद का मुद्दा उछालने पर शनिवार को आरसीपी सिंह ने जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया.
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इसलिए हाशिये पर थे आरसीपी सिंह: ललन सिंह ने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि सीएम ने 2019 में पहले ही कह दिया था कि वो केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने की वजह से शामिल नहीं होंगे. लेकिन आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मत्रिमंडल में शामिल होना उचित समझा. तब खुद आरसीपी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. जेडीयू में जिसके हाथ में पार्टी की कमान होती है वो फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होता है. उस वक्त क्या परिस्थिति थी, आरसीपी सिंह ने उस समय क्या सोचा, इसपर बेहतर ढंग से वही बता सकते हैं. लेकिन सर्वमान्य नेता नीतीश जी ने अपनी लाइन पहले ही क्लियर कर दिया था.
'आरसीपी को देर सबेर जाना ही था. उनका मन यहां और तन कहीं और था. हमारी पार्टी 2019 के फैसले पर आज भी कायम है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने की वजह से शामिल नहीं होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश ने पहले ही क्लियर कर दिया था. चूकि उस वक्त आरसीपी सिंह ही जेडीयू के अध्यक्ष थे लिहाजा उन्होंने क्या सोचकर फैसला लिया उस विषय पर वही बेहतर बता सकते हैं. हमारी पार्टी में दूसरे साथी को भी मौका मिलता है और फैसला सबसे परामर्श लेकर किया जाता है'.- ललन सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जेडीयू
संपत्ति विवाद बहाना, आरसीपी के केंद्रीय मंत्री बनने पर निशाना - जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संपत्ति को लेकर उनसे जवाब-तलब किया था. जवाब देने से पहले आरसीपी सिंह ने जेडीयू से तौबा कर लिया. अपना इस्तीफा देते हुए आरसीपी सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि 7 जनम तक नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे (RCP Singh Attack On Nitish Kumar). इसी के जवाब में रविवार को जेडीयू ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरसीपी सिंह को षडयंत्रकारी तक कह दिया.
'षड़यंत्र के तहत 2020 में जेडीयू की सीटें कम आईं': जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जनाधार की वजह से सीटें कम नहीं आईं बल्कि षड़यंत्र की वजह से हमारी सीटें कम हुईं थीं. एक साजिश के तहत हमारे कद को कम किया गया. उस साजिश को नीतीश जी ने पहचान लिया और उस कांटे को दूर कर दिया. आरसीपी सिंह को राज्य सभा नहीं भेजा गया तो इंतजार करना चाहिए था. जैसे और दूसरे कार्यकर्ता इंतजार करते हैं.
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NDA गठबंधन में सब ऑल इज वेल: ललन सिंह ने कहा कि एनडीए में सब ऑल इज वेल है. 2024-25 में क्या होगा, क्या समीकरण बनेगा उसपर अभी से कहना उचित नहीं है. अभी उपराष्ट्रपति के चुनाव हुए हैं जेडीयू ने साथ मिलकर वोटिंग की. हम मिलकर काम कर रहे हैं. आगे भी करेंगे. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर पहले से कुछ नहीं कह सकते. गौरतलब है कि बीजेपी ने अपने सात मोर्चे की कार्यकारिणी बैठक में ये घोषणा की थी 2024-25 में बीजेपी जेडीयू के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़ेगी. हालांकि उसी वक्त जेडीयू ने क्लियर किया था कि अभी इस मसले पर पार्टी कुछ नहीं कह सकती, उसकी प्राथमिकता पार्टी को पहले मजबूत स्थिति में लाने की है.
JDU को डूबता जहाज कहकर दिया था इस्तीफा : इस्तीफा देने से पहले शनिवार को आरसीपी सिंह ने नालंदा में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा था कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज है. इस पार्टी में कुछ भी बचा नहीं है. इस दौरान ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा का नाम लिए बगैर आरसीपी सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने चुनाव में जेडीयू के खिलाफ काम किया वो आज महिमा मंडित हो रहे हैं. जो चुनाव लड़ा, मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनकर घूमा, वो महिमा मंडित हो रहा है.
''नीतीश कुमार एक जनम क्या 7 जनम में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. जेडीयू डूबता हुआ जहाज है. हमारे लोग पार्टी को छोड़ेंगे और नैया डूब जाएगी. जानबूझकर मेरे इमेज को टार्गेट किया गया है. वर्षों से लोग मेरे पीछे पड़े हैं. मैं जमीन का आदमी हूं, मैं फिल्ड का आदमी हूं. आजतक मैंने गरिमा के साथ काम किया है. चल जाएं उत्तर प्रदेश, कोई बता दे, हमने किसी का चाय तक पीया है. मेरे पास सभी ऑप्शन खुले हुए हैं.''- आरसीपी सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री