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Bihar Caste Census : जातीय जनगणना पर आज आ सकता है फैसला, अदालत के निर्णय पर टिकी नजर

बिहार में जातीय जनगणना पर सुनवाई के बाद आज पटना हाईकोर्ट में फैसले की घड़ी है. दरअसल कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत के फैसले पर आज सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
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Published : Jul 12, 2023, 9:31 AM IST

पटनाः बिहार के जातीय गणना पर आज पटना हाईकोर्ट से फैसला आ सकता है. इससे पहले कोर्ट में 3 से 7 जुलाई तक लगातार इस मामले पर सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और फैसला आज यानी 12 जुलाई तक के लिए टाल दिया था. अब आज इस मामले पर निर्णय आने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Caste Census: जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला रखा गया सुरक्षित

चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने की सुनवाईः आपको बता दें कि बीते 7 जुलाई को जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लगातार पांच दिनों तक इस मामले पर सुनवाई की थी और कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था.

पीके शाही ने रखा था सरकार का पक्ष: वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था. जहां उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध में आंकड़ा इक्कठा करना और इसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाना है. उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है. इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है. सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है.

जातीय गणना हाईकोर्ट ने लगाई थी रोकः दरअसल बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय गणना पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगा दी थी. कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? कोर्ट ने पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं. साथ ही ये भी जाना था कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या?

पटनाः बिहार के जातीय गणना पर आज पटना हाईकोर्ट से फैसला आ सकता है. इससे पहले कोर्ट में 3 से 7 जुलाई तक लगातार इस मामले पर सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और फैसला आज यानी 12 जुलाई तक के लिए टाल दिया था. अब आज इस मामले पर निर्णय आने की उम्मीद है.

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चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने की सुनवाईः आपको बता दें कि बीते 7 जुलाई को जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने लगातार पांच दिनों तक इस मामले पर सुनवाई की थी और कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रखा था.

पीके शाही ने रखा था सरकार का पक्ष: वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था. जहां उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध में आंकड़ा इक्कठा करना और इसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाना है. उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है. इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है. सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है.

जातीय गणना हाईकोर्ट ने लगाई थी रोकः दरअसल बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय गणना पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगा दी थी. कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? कोर्ट ने पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं. साथ ही ये भी जाना था कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या?

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