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पशुपति पारस को एलजेपी के कोटे से टीम मोदी में मिली जगह

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार (Union cabinet expansion) में दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले लोजपा नेता पशुपति पारस को भी जगह मिली है. बड़े भाई रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के चलते राजनीति में आने वाले पशुपति ने इन दिनों भतीजे चिराग से लड़ाई छेड़ रखी है. वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का पदभार संभालेंगे

पशुपति पारस
पशुपति पारस
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Published : Jul 7, 2021, 6:26 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 10:52 PM IST

पटना: बड़े भाई रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के चलते राजनीति में आने वाले सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का पदभार संभालेंगे. पशुपति पारस इन दिनों सुर्खियों में हैं. दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पशुपति ने लोजपा (LJP) को दो फाड़ कर दिया और भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) से आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. उनके मार्गदर्शन में काम करता रहूंगा.

ईटीवी भारत से बात करते पशुपति पारस

पशुपति पारसन ने कहा कि मैं पूरी मेहनत एवं ईमानदारी के साथ काम करूंगा. जनता की जो भी उम्मीद रहेगी उसको पूरा करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं लोजपा का भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं. इसलिए कार्यकर्ताओं को भी मुझसे काफी उम्मीदें हैं. उनकी हर उम्मीदों पर भी मैं खड़ा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा. बिहार सहित पूरे देश का तेजी से विकास हो मेरा यही लक्ष्य रहेगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में मैं कैबिनेट मंत्री बना हूं. इससे बिहार की आवाज दिल्ली में और बुलंद होगी. बिहार को उसका और हक मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र हाजीपुर की जनता कि हर डिमांड को पूरा करूंगा.
मंत्उरी ने कहा कि बिहार में मैं सात बार विधायक रहा हूं. चार बार मंत्री रहा हूं. मंत्रालय चलाने का मेरे पास काफी अनुभव है. इसलिए केंद्र सरकार में मंत्रालय चलाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पहली बार मैं सांसद बना था. उसके बाद मुझे केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.

पशुपति पारस का सियासी सफर
पशुपति पारस का सियासी सफर

यह भी पढ़ें- पहले IAS, फिर JDU अध्यक्ष और अब केंद्रीय मंत्री बनने की राह पर खड़े RCP और CM नीतीश की जोड़ी 2 दशक पुरानी

पशुपति और चिराग के विवाद में टूटी पार्टी
रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा हो गया था. विवाद इतना गहरा था कि पार्टी दो फाड़ हो गई. पशुपति पारस 5 सांसदों के साथ अलग हो गए. पारिवारिक विवाद सड़क पर आ गया. पार्टी दफ्तर पर कब्जे के लिए भी जद्दोजहद का दौर चला. दोनों ओर से कार्यकर्ताओं के बीच लाठी-डंडे भी चले.

नीतीश से रही है नजदीकी
विधानसभा चुनाव के दौरान जब चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला तब पशुपति पारस ने चिराग पासवान का साथ नहीं दिया. वह चुनाव के दौरान साइलेंट मोड में रहे. नीतीश कुमार से नजदीकियों के चलते पशुपति पारस को राजनीति में कद और पद मिला. चिराग पासवान से विवाद के बाद पशुपति पारस खुलकर राजनीति के मैदान में बल्लेबाजी करने लगे. पशुपति पारस को नीतीश कुमार का समर्थन भी मिला.

कुशल संगठनकर्ता हैं पशुपति

पशुपति पारस ने 2009 के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इसके अलावा वो 5 बार विधायक भी रह चुके हैं. राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार मानते हैं कि पशुपति पारस की पहचान रामविलास पासवान को लेकर थी, लेकिन चिराग पासवान से विवाद के बाद वह सुर्खियों में आए. पशुपति पारस मृदुभाषी और कुशल संगठनकर्ता हैं. मृदुभाषी होने का फल भी उन्हें मिला. वह नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे. नीतीश कुमार के चहेते होने की वजह से संभव है कि उन्हें मोदी कैबिनेट में भी जगह मिल जाए.

यह भी पढ़ें- Bihar Politics: सोशल मीडिया पर RJD का स्थापना दिवस रहा हिट, चाचा-भतीजे गए पिट

पटना: बड़े भाई रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के चलते राजनीति में आने वाले सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का पदभार संभालेंगे. पशुपति पारस इन दिनों सुर्खियों में हैं. दलित सेना (Dalit Sena) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले पशुपति ने लोजपा (LJP) को दो फाड़ कर दिया और भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) से आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. उनके मार्गदर्शन में काम करता रहूंगा.

ईटीवी भारत से बात करते पशुपति पारस

पशुपति पारसन ने कहा कि मैं पूरी मेहनत एवं ईमानदारी के साथ काम करूंगा. जनता की जो भी उम्मीद रहेगी उसको पूरा करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं लोजपा का भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं. इसलिए कार्यकर्ताओं को भी मुझसे काफी उम्मीदें हैं. उनकी हर उम्मीदों पर भी मैं खड़ा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा. बिहार सहित पूरे देश का तेजी से विकास हो मेरा यही लक्ष्य रहेगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में मैं कैबिनेट मंत्री बना हूं. इससे बिहार की आवाज दिल्ली में और बुलंद होगी. बिहार को उसका और हक मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र हाजीपुर की जनता कि हर डिमांड को पूरा करूंगा.
मंत्उरी ने कहा कि बिहार में मैं सात बार विधायक रहा हूं. चार बार मंत्री रहा हूं. मंत्रालय चलाने का मेरे पास काफी अनुभव है. इसलिए केंद्र सरकार में मंत्रालय चलाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पहली बार मैं सांसद बना था. उसके बाद मुझे केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.

पशुपति पारस का सियासी सफर
पशुपति पारस का सियासी सफर

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पशुपति और चिराग के विवाद में टूटी पार्टी
रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच विवाद खड़ा हो गया था. विवाद इतना गहरा था कि पार्टी दो फाड़ हो गई. पशुपति पारस 5 सांसदों के साथ अलग हो गए. पारिवारिक विवाद सड़क पर आ गया. पार्टी दफ्तर पर कब्जे के लिए भी जद्दोजहद का दौर चला. दोनों ओर से कार्यकर्ताओं के बीच लाठी-डंडे भी चले.

नीतीश से रही है नजदीकी
विधानसभा चुनाव के दौरान जब चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला तब पशुपति पारस ने चिराग पासवान का साथ नहीं दिया. वह चुनाव के दौरान साइलेंट मोड में रहे. नीतीश कुमार से नजदीकियों के चलते पशुपति पारस को राजनीति में कद और पद मिला. चिराग पासवान से विवाद के बाद पशुपति पारस खुलकर राजनीति के मैदान में बल्लेबाजी करने लगे. पशुपति पारस को नीतीश कुमार का समर्थन भी मिला.

कुशल संगठनकर्ता हैं पशुपति

पशुपति पारस ने 2009 के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इसके अलावा वो 5 बार विधायक भी रह चुके हैं. राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार मानते हैं कि पशुपति पारस की पहचान रामविलास पासवान को लेकर थी, लेकिन चिराग पासवान से विवाद के बाद वह सुर्खियों में आए. पशुपति पारस मृदुभाषी और कुशल संगठनकर्ता हैं. मृदुभाषी होने का फल भी उन्हें मिला. वह नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे. नीतीश कुमार के चहेते होने की वजह से संभव है कि उन्हें मोदी कैबिनेट में भी जगह मिल जाए.

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Last Updated : Jul 7, 2021, 10:52 PM IST
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