पटना: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री (Union Minister of Food Processing) पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने दावा किया है कि हाजीपुर में उनपर तेजाब से हमला (Acid Attack) किया गया था. उन्होंने कहा कि उस हमले में कुछ भी हो सकता था, लेकिन ईश्वर की कृपा रही कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उस दिन असामाजिक तत्वों के द्वारा मुझपर मोबिल फेंका गया था. उस मोबिल के साथ तेजाब भी डाला गया था. ये बात मैं इसलिए दावे के साथ कर रहा हूं, क्योंकि जो कपड़ा हमलोगों ने पहना था, वह अभी भी ड्राई क्लीन में रखा हुआ है. उस कपड़े में जहां-जहां छींटे पड़े थे, वहां जल गया है. उन्होंने कहा कि मेरी लोकप्रियता को देखकर विरोधी पक्ष के लोगों ने मुझ पर हमला करवाया.
पशुपति पारस ने कहा कि जिस दिन मैं अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर था, उस दिन उतनी ही भीड़ थी जितनी कि रामविलास पासवान के समय होती थी. लिहाजा साजिश कर विरोधी खेमे के लोगों ने मुझपर हमला करवाया गया. मोबिल के साथ तेजाब मिलाकर मुझपर अटैक करवाया गया. ईश्वर की कृपा रही कि मुझे कुछ नहीं हुआ और मैं सुरक्षित हूं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसको लेकर मैंने उसी दिन स्थानीय हाजीपुर पुलिस-प्रशासन को इत्तला करा दिया और कहा कि ये आपकी विफलता है. लिहाजा फौरन मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय.
पारस ने कहा कि उस घटना के दूसरे-तीसरे दिन दिल्ली में मेरे मोबाइल पर भी अज्ञात नंबर से फोन आया, जहां मुझे धमकी दी गई. इस बारे में मैंने वहां पार्लियामेंट्री थाने में लिखित शिकायत कर दी. साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी है. सीएम से मिलकर भी अपनी बात रखूंगा. हाल के दिनों में मेरे अलावे भी मेरे कई नेताओं को फोन पर धमकी मिल रही है. कार्यकर्ताओं पर बार-बार हमले हो रहे हैं.
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आपको याद दिलाएं कि मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनने के बाद 23 अगस्त को पशुपति कुमार पारस अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर दौरे पर आए थे. उनका काफिला चौरसिया चौक पर पहुंचते ही लोगों ने उनकी कार पर जला हुआ मोबिल फेंक दिया. इस बारे में कुछ लोगों ने यह दावा भी किया कि मोबिल का छींटा पशुपति पारस पर भी पड़ा. जिससे उन्हें कपड़े बदलने पड़े. हालांकि कार और कार के बाहर कई नेताओं पर काले छींटे जरूर पड़े. जिस वक्त मोबिल फेंका गया, उस वक्त कार का शीशा भी खुला था.