नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है. संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. हंगामा कर रहे सदस्य वेल में तख्तियों के साथ नारेबाजी करते रहे. उपसभापति हरिवंश हंगामे के बीच कार्यवाही संचालित करने की कोशिश करते रहे. उन्होंने राज्यसभा सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने की अपील की, लेकिन सांसदों की नारेबाजी जारी रही. हंगामे के बाद कार्यवाही 22 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है.
इससे पहले लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने कुछ विषयों पर आसन के समीप आकर नारेबाजी की और सदन की बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. बैठक शुरू होने पर विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी बात कहना चाह रहे थे जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे कहा कि यदि वे कुछ कहना चाहते हैं तो पहले नोटिस दें. बता दें कि पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण कोई भी विधायी कार्य नहीं किया जा सका था.
हंगामे के बीच कार्यवाही बाधित होने के कारण राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने कहा कि राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू (Rajya Sabha Venkaiah Naidu) के साथ बैठक में आम सहमति से यह तय किया गया है कि एक बजे से राज्यसभा में कोरोना महामारी को लेकर चर्चा की जाएगी. हंगामा जारी रहने के कारण कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी गई.
हंगामे के बीच प्रश्नकाल
गौरतलब है कि विपक्ष संसद के मानसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला (pegasus snooping), महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है. मानसून सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू हुआ. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भाजपा सदस्य जसकौर मीणा के पूरक प्रश्न का उत्तर दिया. विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे प्लेकार्ड लेकर आसन के समीप पहुंच गये. अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लाना नियम प्रक्रिया के तहत उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कल कहा था कि वह हर विषय पर जवाब देने को तैयार है.
लोकसभा में तख्तियों के साथ विरोध, कार्यवाही स्थगित
उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें और जिन मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है. बिरला ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी है. तो फिर विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा है. यह उचित नहीं है. जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं, उसके लिये नोटिस दें. हालांकि विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने 11:05 बजे, लोकसभा की बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों समेत कुछ विषयों पर सोमवार को भी लोकसभा में नारेबाजी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं कराने दिया. मानसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी थी.
सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने पेगासस के जरिये कथित जासूसी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने उच्च सदन में नियत कामकाज रोक कर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं और नोटिस पर विचार करने के बाद व्यवस्था देंगे. इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हंगाना शुरू कर दिया.
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सभापति ने शून्यकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा कि आज 15 सदस्यों ने, कल 17 सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों पर नोटिस दिए. आसन नियम 267 के तहत दिए गए कितने नोटिस पर विचार करेगा? आपको उन सदस्यों को मौका देना चाहिए जिन्होंने शून्यकाल के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए नोटिस दिए हैं. शर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न अनिश्चितता की स्थिति के बीच संसद का यह सत्र आयोजित हो रहा है और बैठकों की संख्या सीमित है. उन्होंने कहा कि पेगासस के जरिये कथित जासूसी के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह राष्ट्र हित से जुड़ा मुद्दा है.
इस पर सभापति ने कहा कि राष्ट्र हित और राज्य हित दोनों से जुड़े मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक यह कहते हुए स्थगित कर दी कि कुछ लोग नहीं चाहते कि सदन चले.