नई दिल्ली : राज्य सभा ने हंगामे के बीच फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2021 को ध्वनिमत से मंजूरी दी. 'फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2021' को मंजूरी दे दी. इस विधेयक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिये अतिरिक्त रास्ते सुलभ कराने का प्रस्ताव है. वित्त मंत्री ने सदस्यों से इसे पारित करने की अपील करते हुए कहा कि इससे एमएसएमएई क्षेत्र को लाभ मिलेगा.
उच्च सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस दौरान विपक्ष के कई सदस्य विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर हंगामा कर रहे थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से एमएसएमई क्षेत्र को फायदा होगा और क्षेत्र में तरलता एवं नकदी में वृद्धि हो सकेगी.
उन्होंने कहा कि पिछले साल इस विधेयक को संसद में पेश किया गया था और बाद में इसे स्थायी समिति को भेजा गया. उन्होंने कहा कि समिति ने इस साल फरवरी में अपनी रिपोर्ट दी थी और उसकी विभिन्न सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है.
संक्षिप्त चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के शिव प्रताप शुक्ल ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इसके प्रावधानों से एमएसएमई को फायदा होगा. टीआरएस सदस्य के सुरेश रेड्डी ने कहा कि विधेयक की धारणा अच्छी है लेकिन इससे क्षेत्र को अपेक्षित लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के हल के लिए व्यापक विधेयक लाए जाने की जरूरत है.
अन्नाद्रमुक सदस्य एम थंबीदुरै ने भी विधेयक का समर्थन किया और कहा कि एमएसएमई क्षेत्र संकटों का समाना कर रहा है और केंद्र सरकार इस क्षेत्र की मदद के लिए आगे आयी है.
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र को कठिनाइयों से उबारने के लिए कई कदम उठाए हैं. वाईएसआर कांग्रेस के के रवींद्र कुमार ने विधेयक का समर्थन किया और एमएसएमई क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है..
चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने शोरगुल के बीच ही 'फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2020' को धवनि मत से मंजूरी दे दी.
(पीटीआई-भाषा)