नई दिल्ली: कांग्रेस ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने से संबंधित वीडियो को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आज संसद का मानसून सत्र आरंभ होने के साथ ही विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) इस विषय पर सरकार से जवाब मांगेगा. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी 'चुप्पी' तोड़नी चाहिए.
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Our party has visited Manipur. Rahul Gandhi went to Manipur and talked to the people. We want a discussion on Manipur and after the discussion, we also want the government to take the opposition leaders there, but they are not doing so, says Congress President Mallikarjun Kharge
— ANI (@ANI) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 20, 2023
मणिपुर वायरल वीडियो पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हमारी पार्टी ने मणिपुर का दौरा किया है. राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं और चर्चा के बाद हम यह भी चाहते हैं कि सरकार विपक्षी नेताओं को वहां ले जाए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 'आज हम (संसद में मणिपुर का) मुद्दा उठा रहे हैं. मैंने नोटिस भी दिया है. हम देखेंगे कि हमारे सभापति (राज्यसभा) हमें इसे उठाने की अनुमति देंगे या नहीं. पीएम इस पर चुप हैं. आपके पास 38 दलों को (एनडीए बैठक के लिए) बुलाने का समय है लेकिन आपके (पीएम) के पास वहां जाने का समय नहीं है.
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संसद का #MonsoonSession आज प्रारंभ हो रहा है। लोक सभा में सभी दलों के नेताओं और माननीय सदस्यों से आग्रह है कि देशहित तथा जनहित के विषयों पर सदन में सार्थक संवाद हो। चर्चा के जरिए आमजन की कठिनाइयों का समाधान कर हम देश को प्रगति पथ पर गतिमान करें। जनमानस की भी हमसे यही अपेक्षा है।
— Om Birla (@ombirlakota) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर कहा है कि' संसद का मानसून सत्र आज प्रारंभ हो रहा है. लोक सभा में सभी दलों के नेताओं और माननीय सदस्यों से आग्रह है कि देशहित तथा जनहित के विषयों पर सदन में सार्थक संवाद हो. चर्चा के जरिए आमजन की कठिनाइयों का समाधान कर हम देश को प्रगति पथ पर गतिमान करें। जनमानस की भी हमसे यही अपेक्षा है.
मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के कई सांसदों ने मणिपुर के विषय को लेकर संसद के दोनों सदनों में कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं. जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं. उस भयावह घटना को बीते 77 दिन हो गए हैं, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी तक फरार हैं.
उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध के कारण शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में इतनी भयानक घटना घटी. कांग्रेस नेता ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया.
उन्होंने सवाल किया,' क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इस घटना की जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार, सब कुछ ठीक है जैसी बातें करना कब बंद करेगी? मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब बदला जाएगा ? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है? रमेश ने कहा, 'जैसे ही आज से मानसून सत्र शुरू होगा, 'इंडिया' जवाब मांगेगा. चुप्पी तोड़िये प्रधानमंत्री जी! 'मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है.
आज से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र: संसद का मानसून सत्र आज 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस सत्र में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति और दिल्ली सेवा अध्यादेश जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है. मानसून सत्र 2023 का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब एक दिन पहले ही 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) का गठन किया, ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनौती दी जा सके.
बता दें, विपक्षी दल मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते रहे हैं. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन मई से शुरू जातीय हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हुई है. संसद के इस सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा और सरकार एवं विपक्ष के बीच इस पर तकरार होने के आसार हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था.
मानसून सत्र 2023 से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आप नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिये कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे.' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ यह अध्यादेश लाने का विरोध करेगी. सिंह ने कहा कि संघीय ढांचे को कुचलने के लिए इस प्रकार से अध्यादेश लाना 'शर्मनाक' है.
लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एवं डीन कुरियोकोस, द्रमुक के ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश 2023 को निष्प्रभावी करने संबंधी एक नोटिस दिया है. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया और सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की.' चौधरी ने कहा, ' हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो.'
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, 'सभी दल मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है.' उन्होंने कहा, 'जब भी लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति समय तय करते हैं, हम चर्चा कराने को तैयार हैं. जो भी मुद्दे होंगे, हम नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत चर्चा कराने को तैयार है.' चौधरी ने कहा, ' दो महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) चुप हैं. मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करानी चाहिए.'
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें 34 दलों के 44 नेताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए. ये सुझाव विपक्षी दलों से भी आए और सहयोगी दलों से भी मिले. जोशी ने बताया कि सत्र के दौरान सरकार के पास 31 'विधायी विषय' हैं.
इनमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 शामिल है. इसके अलावा डाक सेवाएं विधेयक 2023, डिजिटल व्यक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और आवश्यक संशोधन विधेयक 2023, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि और बैंक विधेयक 2023 भी सूची में शामिल हैं.
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023, औषधि चिकित्सा उपकरण प्रसाधन सामग्री विधेयक 2023, जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक 2023, जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023, चलचित्र संशोधन विधेयक 2023, प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023, अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023, खान और खनिज विकास और विनियम संशोधन विधेयक 2023, रेल संशोधन विधेयक 2023, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान विधेयक 2023 को भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
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सत्र के दौरान जैवविविधता संशोधन विधेयक 2022 और बहु राज्य सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2022 को चर्चा एवं पारित किये जाने के लिए पेश किया जा सकता है. इस बीच विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस के नेतागण मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के लिए आज पहली बैठक करेंगे. सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ संसद भवन स्थित कक्ष में आज सुबह विपक्षी गठबंधन की बैठक होगी.
(पीटीआई-भाषा)