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'सेना में मेजरों की कमी, 4,734 कैप्टन और 3,373 डॉक्टर-पैरामेडिक्स के पद खाली' - सेना में मेजरों की कमी

सेना में 2,094 मेजर और 4,734 कैप्टन की कमी है. इस बात की जानकारी सरकार की ओर से राज्यसभा में दी गई. वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में कहा गया कि 2018 से अब तक 358 पट्टे वाले विमानों को हटा दिया गया है.

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सेना में मेजरों की कमी
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Published : Jul 24, 2023, 6:13 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि सेना में 2,094 मेजर और 4,734 कैप्टन की कमी है. यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में लिखित रूप से दिया. कांग्रेस सांसद कुमार केतकर ने पूछा था कि क्या यह सच है कि सेना में मेजर और कैप्टन स्तर पर अधिकारियों की भारी कमी है.

भट्ट ने अपने जवाब में इस कमी के लिए 'कोविड-19 महामारी के दौरान कम भर्ती' को जिम्मेदार ठहराया. 'सभी सपोर्ट कैडर में कम प्रवेश, जिसमें मुख्य रूप से शॉर्ट सर्विस कमीशन और अन्य सेवा प्रविष्टियां शामिल हैं.'

उन्होंने कहा कि 'कमी को कम करने के लिए 'शॉर्ट सर्विस एंट्री को अधिक आकर्षक' बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है.' इसी तरह, एक अन्य उत्तर में, MoS ने रक्षा सेवाओं में मीडिया कर्मियों की कमी का विवरण बताया.

कहां-कितनी सीटें खाली : मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सेना चिकित्सा कोर में 630 सीटें खाली हैं, जिनमें थल सेना में 5698, नौसेना में 20 और वायु सेना में 12 सीटें हैं. आर्मी डेंटल कोर के लिए, सेना में 56, नौसेना में 11 और वायु सेना में 6 सहित 73 सीटें खाली हैं.

सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए, सेना में 528, नौसेना में 86 और वायु सेना में 87 सहित कुल 701 सीटें खाली हैं. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में अन्य मेडिकल स्टाफ (पैरामेडिक्स) में, सेना 1,495, नौसेना में 392 और वायु सेना में 73 सहित कुल 1,969 सीटें खाली हैं.

'358 पट्टे वाले विमानों को हटाया गया' : उधर, सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि जनवरी 2018 से अब तक (2023) कुल 358 पट्टे वाले विमानों को भारतीय नागरिक विमान रजिस्ट्री से हटा दिया गया है.

यह जवाब नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल डॉ. वीके सिंह (सेवानिवृत्त) की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आया, जब उन्होंने भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के एक सवाल का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पिछले पांच वर्षों में डी-पंजीकृत और पट्टादाताओं द्वारा वापस लिए गए पट्टे के विमानों की संख्या के बारे में पूछा था.

उत्तर के अनुसार, जनवरी 2018 से अब तक (2023) इंडिगो के 123, जेट एयरवेज के 103, स्पाइसजेट के 55, एयर इंडिया के 26, गो फर्स्ट के 21 और अन्य सहित लगभग 358 पट्टे वाले विमानों को भारतीय नागरिक विमान रजिस्ट्री से हटा दिया गया है.

गोफर्स्ट द्वारा वाडिया समूह को पट्टे पर दिए गए 20 विमानों के पंजीकरण रद्द करने और उन्हें वापस लेने की मांग को लेकर डीजीसीए में आवेदन दाखिल करने और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि 'डीजीसीए को गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए कुल 54 विमानों के पंजीकरण रद्द करने के लिए पट्टेदारों से आवेदन प्राप्त हुए हैं. डीजीसीए द्वारा आवेदनों का प्रसंस्करण राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, दिल्ली और दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष मामलों के परिणाम के अधीन है.'

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नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि सेना में 2,094 मेजर और 4,734 कैप्टन की कमी है. यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में लिखित रूप से दिया. कांग्रेस सांसद कुमार केतकर ने पूछा था कि क्या यह सच है कि सेना में मेजर और कैप्टन स्तर पर अधिकारियों की भारी कमी है.

भट्ट ने अपने जवाब में इस कमी के लिए 'कोविड-19 महामारी के दौरान कम भर्ती' को जिम्मेदार ठहराया. 'सभी सपोर्ट कैडर में कम प्रवेश, जिसमें मुख्य रूप से शॉर्ट सर्विस कमीशन और अन्य सेवा प्रविष्टियां शामिल हैं.'

उन्होंने कहा कि 'कमी को कम करने के लिए 'शॉर्ट सर्विस एंट्री को अधिक आकर्षक' बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है.' इसी तरह, एक अन्य उत्तर में, MoS ने रक्षा सेवाओं में मीडिया कर्मियों की कमी का विवरण बताया.

कहां-कितनी सीटें खाली : मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सेना चिकित्सा कोर में 630 सीटें खाली हैं, जिनमें थल सेना में 5698, नौसेना में 20 और वायु सेना में 12 सीटें हैं. आर्मी डेंटल कोर के लिए, सेना में 56, नौसेना में 11 और वायु सेना में 6 सहित 73 सीटें खाली हैं.

सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए, सेना में 528, नौसेना में 86 और वायु सेना में 87 सहित कुल 701 सीटें खाली हैं. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में अन्य मेडिकल स्टाफ (पैरामेडिक्स) में, सेना 1,495, नौसेना में 392 और वायु सेना में 73 सहित कुल 1,969 सीटें खाली हैं.

'358 पट्टे वाले विमानों को हटाया गया' : उधर, सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि जनवरी 2018 से अब तक (2023) कुल 358 पट्टे वाले विमानों को भारतीय नागरिक विमान रजिस्ट्री से हटा दिया गया है.

यह जवाब नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल डॉ. वीके सिंह (सेवानिवृत्त) की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आया, जब उन्होंने भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के एक सवाल का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पिछले पांच वर्षों में डी-पंजीकृत और पट्टादाताओं द्वारा वापस लिए गए पट्टे के विमानों की संख्या के बारे में पूछा था.

उत्तर के अनुसार, जनवरी 2018 से अब तक (2023) इंडिगो के 123, जेट एयरवेज के 103, स्पाइसजेट के 55, एयर इंडिया के 26, गो फर्स्ट के 21 और अन्य सहित लगभग 358 पट्टे वाले विमानों को भारतीय नागरिक विमान रजिस्ट्री से हटा दिया गया है.

गोफर्स्ट द्वारा वाडिया समूह को पट्टे पर दिए गए 20 विमानों के पंजीकरण रद्द करने और उन्हें वापस लेने की मांग को लेकर डीजीसीए में आवेदन दाखिल करने और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि 'डीजीसीए को गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए कुल 54 विमानों के पंजीकरण रद्द करने के लिए पट्टेदारों से आवेदन प्राप्त हुए हैं. डीजीसीए द्वारा आवेदनों का प्रसंस्करण राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, दिल्ली और दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष मामलों के परिणाम के अधीन है.'

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