भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि वह पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे और इस बारे में सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा सोमवार को की गई टिप्पणी सत्य नहीं है जिसे रिकॉर्ड से निकाल देना चाहिए.
शाह ने कहा कि सोमवार कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि 'मैं पश्चिम बंगाल में गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठ गया.'
गृह मंत्री ने कहा, 'मैं उस वक्त टोकना नहीं चाहता था, लेकिन जो सत्य नहीं है सदन के रिकॉर्ड में नहीं रहना चाहिए.' शाह ने कहा कि उनके पास विश्व भारती के उप कुलपति का पत्र है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी घटना नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि वहां एक खिड़की है जहां पर सभी के बैठने की व्यवस्था है, वहां की तस्वीर है. उस स्थान पर भारत की पूर्व राष्ट्रपति बैठी हैं, प्रणब मुखर्जी बैठ चुके हैं, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बैठे थे. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भी वहां बैठी थीं.
गृह मंत्री ने कहा कि कोई बात कहने से पहले तथ्यों को जांचना चाहिए और सोशल मीडिया की बातों का बिना पड़ताल के उल्लेख नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं इसमें इनका दोष नहीं देखता, उनकी पार्टी की जैसी पृष्ठभूमि है, उसके कारण इनसे गलती हो गई.'
उन्होंने कहा कि मैं तो उस कुर्सी पर नहीं बैठा, लेकिन मेरे पास दो फोटो हैं, जिनमें से एक में जवाहर लाल नेहरू उस कुर्सी पर बैठे हैं, जहां टैगोर बैठा करते थे. दूसरा फोटो राजीव गांधी का है... जिसमें वह टैगोर साहब के सोफे पर बैठे हैं.
शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के संबंध में चौधरी की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि जो सदन में नहीं है उसका उल्लेख नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चौधरी ने जैसा कहा, नड्डा ने कहीं ऐसा नहीं बोला। अगर है तो वह रिकॉर्ड पर रखें.
गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि 'हमारा यह कहना है कि भाजपा नेता अमित शाह जी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी बंगाल जा रहे हैं क्योंकि वहां चुनाव आ रहे हैं.'
उन्होंने दावा किया था, 'ये रवींद्र नाथ टैगोरजी के शांति निकेतन जा रहे हैं और कह रहे हैं कि उनका (टैगोर) जन्म यहां हुआ. अजीब बात है....पहले पढ़कर आइए कि उनका जन्म यहां नहीं हुआ और आप कह रहे हैं कि उनका जन्म यहां हुआ. हमें बुरा लगता है क्योंकि इतनी बड़ी पार्टी के सभापति हैं.'
चौधरी ने यह भी कहा था कि अमित शाह जी जाकर रवींद्र नाथ टैगोर जी की कुर्सी पर बैठ जाते हैं. इससे असम्मान होता है.