पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला का नाम गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पा रहा है. बताया जा रहा है कि कागजी कार्रवाई में आ रही परेशानी के चलते वत्सला का नाम दर्ज होने में परेशानी आ रही है. अगर वत्सला का नाम दर्ज होता है तो पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. 1993 में पन्ना टाइगर रिजर्व आई वत्सला ने करीब डेढ़ दशक तक पर्यटकों को टाइगर रिजर्व का भ्रमण कराया है.
कब एमपी आई वत्सला: मध्यप्रदेश के पन्ना में पन्ना टाइगर रिजर्व में सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला सतपुड़ा के जंगल में रहने के बाद बुंदेलखंड पहुंची थी. इस तरह सफर करते हुए उसे 1993 में पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया. उसके बाद से यह उसका घर बन चुका है. कहा जाता है कि वत्सला हमेशा से ही शांत स्वभाव की रही है. वत्सला हथनी के जीवन के शुरुआती दिन यहां के नीलांबुर वन मंडल के वनोपज परिवहन में बीते. 1971 में वत्सला को 50 साल की उम्र में पहली बार केरल से मध्य प्रदेश लाया गया था. पन्ना टाइगर रिजर्व के अनुसार हथनी की लगभग उम्र 100 वर्ष के पार बताई जा रही है.
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कार्बन डेटिंग से उम्र का चलेगा पता: वहीं केरल का रिकॉर्ड न मिलने के कारण हथिनी वत्सला का गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज नहीं हो पा रहा है, लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र संचालक द्वारा केरल का रिकॉर्ड मंगवाकर एवं कार्बन डेटिंग से सबसे बुजुर्ग उम्रदराज हथनी वत्सला की सही उम्र का पता लग पाएगा.बता दें कुछ दिनों पहले वत्सला की तबीयत खराब हो गई थी. उसने खाना-पीना छोड़ दिया था. वहीं वन विभाग और डॉक्टरों की देखरेख के बाद वत्सला की हालत में सुधार हुआ. इसके अलावा वत्सला मोतियाबिंद से अपनी आंखों की रोशनी खो चुकी है. अब वह सिर्फ अपने महावत की आवाज ही पहचानती है. जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर की हथिनी वत्सला सबसे उम्रदराज हथनी है, क्योंकि दुनिया की सबसे उम्र वाले हाथी लिन वांग ताइवान की 86 वर्ष की उम्र में मौत हो चुकी है. वहीं हाथियों की उम्र करीब 60 से 70 वर्ष होती है.