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MP Panna Tiger Reserve: नहीं रही बाघों की दादी-नानी, पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन T-1 की मौत

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Published : Feb 1, 2023, 9:26 PM IST

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाली बाघिन टी-1 की मौत हो गई. 13 बच्चों की मां बाघिन टी-1 मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व के नाम से विख्यात थी. 14 सालों तक वन में विचरण करने के बाद 17 साल की उम्र में बाघिन की मौत हुई, जिस पर वन अमले ने बाघिन टी-1 को श्रद्धांजलि अर्पित की है.

MP Panna Tiger Reserve
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन T-1 की मौत
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन T-1 की मौत

पन्ना। मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कही जानें वाली पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 की मौत हो गई. वन अमले के गश्ती दल को मंगलवार को नेशनल हाईवे 39 से लगे जंगल क्षेत्र के 30 मीटर अंदर मनोर गांव के पास बाघिन का कंकाल मिला. शुरुआती तौर पर बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से होना बताया गया है. टी-1 ने उजड़े हुए पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से बसाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी. साल 2009 में जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था तब यह बाघिन बांधवगढ़ से पन्ना लाई गई और इसे टी-1 नाम दिया गया था. उसके बाद टी-1 ने 13 शवकों को जन्म दिया जिन्होने पार्क को आबाद किया. वर्तमान में टी-1 की वजह से कुनबे में लगभग 80 से भी ज्यादा बाघ हैं. वन अधिकारी ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन 14 वर्ष से अधिक समय तक स्वच्छंद विचरण करती रही.

17 साल की थी टी-1: वन अमले के गश्ती दल को पन्ना बाघ अभयारण्य के मड़ला परिक्षेत्र में बाघिन का कंकाल मिला जिसके बाद तत्काल वन अधिकारी एवं वन अमला मौके पर पहुंचा. डाग स्क्वायड के द्वारा सर्चिंग कार्य किया गया. वन्य प्राणी चिकित्सक क्षेत्र संचालक, उपसंचालक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के प्रतिनिधि इंद्रभान सिंह बुंदेला की उपस्थिति में अवशेषों का परीक्षण किया गया. परीक्षण के दौरान अवशेषों के पास निष्क्रिय रेडियो कॉलर मिला जो कि बाघिन टी-1 को वर्ष 2017 में पहनाया गया था. डॉग स्क्वायड को सर्चिंग के दौरान संदेहास्पद साक्ष्य ना मिलने के कारण यह अंदाजा लगाया गया है कि बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई है. झा ने बताया कि अवशेषों के नमूने ‘सेंट्रल फॉर वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ, नानाजी देशमुख बेटेरिनरी कॉलेज’, जबलपुर एवं ‘स्टेट फॉरेंसिक लेबोरेट्री’, सागर भेजे गए हैं रिपोर्ट मिलने के बाद मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकेगा.

MP पन्ना टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत से सनसनी, सवालों के घेरे में वन प्रबंधन

13 बच्चों की मां थी टी-1: फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व बृजेंद्र झा ने बताया कि बाघिन टी-1 वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाग पुनर्स्थापना योजना अंतर्गत लाई गई थी. इसकी आयु लगभग 17 वर्ष की थी. सामान्यता फ्री रेसिंग में बाघ-बाघिन की आयु लगभग 14 वर्ष होती है. बाघिन t-1 ने 13 बच्चों को जन्म दिया है. बाघिन ने अंतिम बार 2016 में शावकों को जन्म दिया था. उल्लेखनीय वृद्धि हो जाने के कारण बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छंद विचरण कर रही थी एवं शिकार ना कर पाने के कारण दूसरे बाघों के शिकार को खाकर अपना पेट भर रही थी. पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना में बाघिन टी-1 का अहम योगदान रहा. इसकी मृत्यु होने पर समस्त वन अमला दुखी है एवं हृदय से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन T-1 की मौत

पन्ना। मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कही जानें वाली पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 की मौत हो गई. वन अमले के गश्ती दल को मंगलवार को नेशनल हाईवे 39 से लगे जंगल क्षेत्र के 30 मीटर अंदर मनोर गांव के पास बाघिन का कंकाल मिला. शुरुआती तौर पर बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से होना बताया गया है. टी-1 ने उजड़े हुए पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से बसाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी. साल 2009 में जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था तब यह बाघिन बांधवगढ़ से पन्ना लाई गई और इसे टी-1 नाम दिया गया था. उसके बाद टी-1 ने 13 शवकों को जन्म दिया जिन्होने पार्क को आबाद किया. वर्तमान में टी-1 की वजह से कुनबे में लगभग 80 से भी ज्यादा बाघ हैं. वन अधिकारी ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन 14 वर्ष से अधिक समय तक स्वच्छंद विचरण करती रही.

17 साल की थी टी-1: वन अमले के गश्ती दल को पन्ना बाघ अभयारण्य के मड़ला परिक्षेत्र में बाघिन का कंकाल मिला जिसके बाद तत्काल वन अधिकारी एवं वन अमला मौके पर पहुंचा. डाग स्क्वायड के द्वारा सर्चिंग कार्य किया गया. वन्य प्राणी चिकित्सक क्षेत्र संचालक, उपसंचालक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के प्रतिनिधि इंद्रभान सिंह बुंदेला की उपस्थिति में अवशेषों का परीक्षण किया गया. परीक्षण के दौरान अवशेषों के पास निष्क्रिय रेडियो कॉलर मिला जो कि बाघिन टी-1 को वर्ष 2017 में पहनाया गया था. डॉग स्क्वायड को सर्चिंग के दौरान संदेहास्पद साक्ष्य ना मिलने के कारण यह अंदाजा लगाया गया है कि बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई है. झा ने बताया कि अवशेषों के नमूने ‘सेंट्रल फॉर वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ, नानाजी देशमुख बेटेरिनरी कॉलेज’, जबलपुर एवं ‘स्टेट फॉरेंसिक लेबोरेट्री’, सागर भेजे गए हैं रिपोर्ट मिलने के बाद मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकेगा.

MP पन्ना टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत से सनसनी, सवालों के घेरे में वन प्रबंधन

13 बच्चों की मां थी टी-1: फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व बृजेंद्र झा ने बताया कि बाघिन टी-1 वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाग पुनर्स्थापना योजना अंतर्गत लाई गई थी. इसकी आयु लगभग 17 वर्ष की थी. सामान्यता फ्री रेसिंग में बाघ-बाघिन की आयु लगभग 14 वर्ष होती है. बाघिन t-1 ने 13 बच्चों को जन्म दिया है. बाघिन ने अंतिम बार 2016 में शावकों को जन्म दिया था. उल्लेखनीय वृद्धि हो जाने के कारण बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छंद विचरण कर रही थी एवं शिकार ना कर पाने के कारण दूसरे बाघों के शिकार को खाकर अपना पेट भर रही थी. पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना में बाघिन टी-1 का अहम योगदान रहा. इसकी मृत्यु होने पर समस्त वन अमला दुखी है एवं हृदय से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

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