पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक वयस्क युवा बाघ का पेड़ के फंदे में फंसकर फांसी लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. माना जा रहा है कि जिस तरह से फांसी लगने से टाइगर की मौत हुई है यह देश की ऐसी पहली और अनोखी घटना है.वन विभाग के अधिकारी भी इस तरह बाघ की फांसी लगने से हुई मौत को लेकर हैरान है. इस मामले को बाघ की शिकार करने के लिए शिकारियों की हरकत भी माना जा रहा है. रिजर्व के सीसीएफ ने बताया कि मामला संदिग्ध नजर आ रहा है. वन विभाग इसकी जांच कर रहा है. एसटीएफ टाइगर टीम एवं वन विभाग के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं, इस घटना के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
डॉग स्क्वॉड ने की छानबीन: बता दें कि पन्ना में 2009 में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे. बाघों को फिर आबाद करने के लिए टाइगर रीलोकेशन का प्रोग्राम चलाया गया जो दुनिया का सफल टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम रहा. रिजर्व में इसके बाद बाघों की संख्या बढ़कर 70 से अधिक हो गई है. पन्ना में इस तरह से एक युवा बाघ की पेड़ से फांसी लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से हर कोई हैरान है. घटना स्थल के आसपास डॉग स्क्वॉड ने छानबीन की है.
Tiger Death In Panna: एक दिन में दो बाघों की मौत, पन्ना टाइगर रिजर्व में फैली सनसनी
मौत पर सवाल, कैसे पेड़ से लटका टाइगर: उत्तर वन मंडल के पन्ना रेंज अंतर्गत विक्रमपुर की तिलगवां बीट में बाघ का शव फांसी के फंदे से लटका मिला. विक्रमपुर नर्सरी के पास इस बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है, देश की यह पहली घटना होगी जब किसी बाघ की फांसी लगने से मौत हुई है. वहीं सीसीएफ ने कहा कि ''हम बड़ी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं, 2 वर्ष के नर बाघ की मौत बेहद चिंता का विषय है, मामला शिकार से जुड़ा हो सकता है. इस कारण से वन विभाग भी गंभीर है''. पर इस मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर बाघ कैसे पेड़ से लटक गया. क्या लगातार बाघों की मौत पन्ना के लिए खतरे की घंटी है, क्या पन्ना टाइगर रिजर्व के आसपास शिकारी मौजूद हैं. ऐसा है तो उन पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा है.