पश्चिम मिदनापुर : पश्चिम बंगाल के पथरा ग्राम पंचायत में मृतक के परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र दिए जाने के समय पंचायत प्रधान के द्वारा मृतक की समृद्धि और सफलता की कामना किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है. बताया जाता है पश्चिम मिदनापुर के कोटियाली पुलिस थाने के अंर्तगत पाथरा ग्राम पंचायत के टीएमसी के पंचायत प्रधान सारथी सिंह से मृतक तारकनाथ डोलोई के परिवारवालों ने मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने को लेकर संपर्क किया.
इसी क्रम में ग्राम प्रधान के द्वारा मृतक के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र देते समय गड़बड़ी हो गई. इसमें प्रधान के द्वारा मृतक की प्रगति और सफलता की कामना की गई थी. उक्त प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रमाण पत्र में लिखा है, 'यह प्रमाणित किया जाता है कि तारकनाथ डोलोई हमारे गांव के स्थायी निवासी थे. उनकी मृत्यु 1 जनवरी 2022 को हुई थी. अब वह मर चुके हैं. मैं उस व्यक्ति को अच्छी तरह से जानता हूं. मैं उनकी मृत्यु में समृद्धि और सफलता की कामना करता हूं.'
यहां तक कि मुख्य तिथि भी अंग्रेजी और बंगाली के मिश्रण में पैड पर लिखी जाती है. पता चला है कि उस तारीख में भी गलती है. दूसरी तरफ विपक्ष ने पंचायत प्रमुख को अप्रशिक्षित और अशिक्षित बताकर सत्तारूढ़ दल का मजाक उड़ाया है. मूल रूप से पंचायत मुखिया के द्वारा कृषक बंधु योजनान्तर्गत मृत्यु सहायता के लिए प्रमाण पत्र दिया गया. उक्त प्रमाण पत्र जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा. उसके बाद प्रशासन की अंतिम स्वीकृति के बाद ही वित्तीय सहायता मिलती है.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता अरूप दास ने कहा, 'वे कौन हैं जो अनपढ़ों की तरह राज्य चला रहे हैं?' हालांकि, उन्होंने घटना के लिए पंचायत प्रमुख से ज्यादा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. इसी क्रम में वाममोर्चा ने इसका मजाक उड़ाया है. टाउन ईस्ट एरिया कमेटी के सचिव सोमनाथ चंद्रा ने कहा, 'मैं उन अशिक्षित लोगों के खिलाफ और क्या कह सकता हूं जिन्हें मृत व्यक्ति का प्रमाण पत्र लिखना भी नहीं आता, उनको अशिक्षित कहने के अलावा और कोई भाषा नहीं है.' हालांकि, सत्ता पक्ष ने अनजाने में हुई गलती बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है. इस बारे में जिला आयोजन अध्यक्ष सुजॉय हाजरा ने कहा, 'पंचायत प्रमुख ने जल्दबाजी में गलती की. यह अनजाने में हुई गलती थी.' वहीं ग्राम पंचायत प्रधान सारथी सिंह ने कहा कि उन्होंने हड़बड़ी में दस्तखत कर दिए और हस्ताक्षर करने से पहले उन्होंने टेक्स्ट चेक नहीं किया.
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