सूरत: भारत और पाकिस्तान के बीच वर्षों से चल रहे के बावजूद, दोनों देशों के बीच आज भी मानवीयता मौजूद है. इसका उदाहरण मिला गुजरात के सूरत में, जहां आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत पटेल 61 वर्षीय पाकिस्तानी महिला सुरैयाबानू का म्यूकोमाइकोसिस का मुफ्त में इलाज कर रहे हैं. उनके इलाज के चलते सुरैयाबानू अब 50 प्रतिशत स्वस्थ्य हो गईं हैं.
पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के मुल्तान की रहने वाली सुरैयाबानू की बेटी इकरा अजीज ने एक वीडियो में ईटीवी भारत को बताया कि करीब एक वर्ष पहले उनकी मां कोरोना से संक्रमित हो गईं थीं और हाल ही में उनका ब्लैक फंगस के उपचार लिए चल रहा था. इस दौरान उन्हें पता चला कि उनकी मां को म्यूकोमाइकोसिस की बीमारी है. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पाया कि भारतीय डॉक्टर रजनीकांत पटेल, इस बीमारी के इलाज के लिए आयुर्वेद का उपयोग करते हैं. इस दौरान उन्होंने डॉक्टर को सिटी स्कैन परिणाम सहित विभिन्न दस्तावेज भी उपलब्ध कराए और उनके द्वारा बताई दवाई भी अपनी मां को दी. इकरा ने कहा, 'अब उन्हें पहले से कहीं अधिक राहत है और इस तरह इलाज से मुझे विश्वास है कि मेरी मां ठीक हो जाएंगी. मैं डॉ. रजनीकांत पटेल की आभारी हूं.'
वहीं, डॉ रजनीकांत पटेल ने कहा कि सुरैयाबानू की बेटी इकरा इंस्टाग्राम के जरिए मुझ तक पहुंचीं. रिपोर्ट मिलने के बाद मुझे पता लगा कि सुरैयाबानू का दिमाग फंगस से संक्रमित हो गया था. इसके बाद उनका उपचार शुरू किया गया. हमने चार कूरियर फर्म से संपर्क किया, लेकिन कोई भी पाकिस्तान में डिलीवरी करने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद हमने उन्हें सलाह दी कि वे पाकिस्तान में मौजूद जड़ी बूटियों की दुकान से हर्बल दवा खोजें. इसके अलावा, हमने रोगी को नियमित रूप से ऊंट के दूध का सेवन करने की सलाह दी क्योंकि यह एंटी-फंगल है और पाकिस्तान में आसानी से उपलब्ध है. अब वे रोजाना 3 से 4 लीटर ऊंटनी के दूध का सेवन करतीं हैं. एक महीने बाद उपचार ने सकारात्मक प्रभाव भी दिखाया. अब हम यहीं से उनकी देखभाल कर रहे हैं.
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बता दें कि म्यूकोमाइकोसिस के उपचार में 25 लाख रुपए तक का खर्च आता है, लेकिन डॉ. रजनीकांत पटेल ने सुरैयाबानू का मुफ्त में उपचार किया. उन्होंने बताया कि अबतक वे म्यूकोमाइकोसिस के चार सौ से भी अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं.