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NIA का दावा, देश के कई राज्यों में युवाओं की भर्ती करा रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन - NIA का दावा, देश के कई राज्यों में युवाओं की भर्ती करा रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन

भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

National Investigation Agecy (NIA
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) फाइल फोटो
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Published : Feb 26, 2022, 10:02 PM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम), हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में अल्पसंख्यक समुदाय के भोले-भाले युवाओं की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं. यह दावा भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किया है. इस संबंध में नई दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि एजेंसी ने इस मामले को लेकर अपनी सभी शाखाओं को अलर्ट कर दिया है.

उन्होंने कहा, 'हमने अपने सभी अधिकारियों से इन राज्यों में सभी संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है.' इसी क्रम में एनआईए ने गुरुवार को तमिलनाडु के कुंभकोणम से हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) आतंकवादी संगठन के मुख्य भर्तीकर्ता को इस्लामिक राज्य स्थापित करने और एक कट्टरपंथी उपदेशक द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए कमजोर मुस्लिम युवाओं को कथित रूप से कट्टरपंथी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें - NIA ने हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी समूह के प्रमुख साजिशकर्ता को किया गिरफ्तार

अधिकारी ने कहा, 'उससे पूछताछ से पता चला है कि एचयूटी के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकवादी संगठन बड़े पैमाने पर ब्रेनवॉश करने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के भोले-भाले युवाओं को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.' गौरतलब है कि एनआईए ने बड़े पैमाने पर आतंकी संगठनों के भर्ती अभियान की रिपोर्ट के बाद इन तीन दक्षिण भारतीय राज्यों में कई प्रमुख स्थानों की तरफ अपना रुख किया है.

आतंकवादी संगठनों के इस तरह के भर्ती अभियान के तौर-तरीकों के बारे में पूछे जाने पर एनआईए अधिकारी ने कहा कि वे (आतंकवादी संगठन के सदस्य) फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से ऐसे कमजोर लोगों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं.अधिकारी ने कहा, 'एक बार जब उन्हें लगता है कि किसी विशेष व्यक्ति को आसानी से बहकाया जा सकता है, तो वे स्थानीय सदस्यों के माध्यम से संपर्क करने और उन्हें अपने संगठन में शामिल करने जैसे अन्य साधन अपनाते हैं.'

उन्होंने कहा कि कई मौकों पर पढ़े-लिखे कई युवा भी आतंकवादी संगठनों का निशाना बन जाते हैं.हाल ही में एनआईए ने कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ समन्वय से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, प्रेरित करने और भर्ती करने के मामले में कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर छापे मारी की थी. इसके अलावा एनआईए ने इस साल जनवरी में केरल में आईएसआईएस के आठ आतंकियों के खिलाफ भर्ती अभियान के सिलसिले में चार्जशीट दाखिल की थी.

नई दिल्ली: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम), हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में अल्पसंख्यक समुदाय के भोले-भाले युवाओं की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं. यह दावा भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किया है. इस संबंध में नई दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि एजेंसी ने इस मामले को लेकर अपनी सभी शाखाओं को अलर्ट कर दिया है.

उन्होंने कहा, 'हमने अपने सभी अधिकारियों से इन राज्यों में सभी संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है.' इसी क्रम में एनआईए ने गुरुवार को तमिलनाडु के कुंभकोणम से हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) आतंकवादी संगठन के मुख्य भर्तीकर्ता को इस्लामिक राज्य स्थापित करने और एक कट्टरपंथी उपदेशक द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए कमजोर मुस्लिम युवाओं को कथित रूप से कट्टरपंथी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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अधिकारी ने कहा, 'उससे पूछताछ से पता चला है कि एचयूटी के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकवादी संगठन बड़े पैमाने पर ब्रेनवॉश करने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के भोले-भाले युवाओं को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.' गौरतलब है कि एनआईए ने बड़े पैमाने पर आतंकी संगठनों के भर्ती अभियान की रिपोर्ट के बाद इन तीन दक्षिण भारतीय राज्यों में कई प्रमुख स्थानों की तरफ अपना रुख किया है.

आतंकवादी संगठनों के इस तरह के भर्ती अभियान के तौर-तरीकों के बारे में पूछे जाने पर एनआईए अधिकारी ने कहा कि वे (आतंकवादी संगठन के सदस्य) फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से ऐसे कमजोर लोगों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं.अधिकारी ने कहा, 'एक बार जब उन्हें लगता है कि किसी विशेष व्यक्ति को आसानी से बहकाया जा सकता है, तो वे स्थानीय सदस्यों के माध्यम से संपर्क करने और उन्हें अपने संगठन में शामिल करने जैसे अन्य साधन अपनाते हैं.'

उन्होंने कहा कि कई मौकों पर पढ़े-लिखे कई युवा भी आतंकवादी संगठनों का निशाना बन जाते हैं.हाल ही में एनआईए ने कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ समन्वय से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, प्रेरित करने और भर्ती करने के मामले में कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर छापे मारी की थी. इसके अलावा एनआईए ने इस साल जनवरी में केरल में आईएसआईएस के आठ आतंकियों के खिलाफ भर्ती अभियान के सिलसिले में चार्जशीट दाखिल की थी.

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