हैदराबाद : भारत के प्रति तालिबान का रूख क्या होगा, अभी स्थिति साफ नहीं हुई है. भारत के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्या अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधि चलाने वलों को प्रश्रय दिया जाएगा ? पाकिस्तान इस खेल में लगा हुआ है. पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई चाहती है कि तालिबान कश्मीर में आतंकी गतिविधि को बढ़ाने में मदद करे. यह अलग बात है कि आधिकारिक तौर पर पाक इसे स्वीकार नहीं करता है.
हालांकि, पाकिस्तान का यह झूठ बार-बार बेनकाब होता रहता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच आखिरी कॉल डिटेल सामने आई है. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं.
इस बातचीत के दौरान जब बाइडेन ने गनी से ताजा ब्योरा मांगा, तो उन्होंने कहा कि तालिबान को पाकिस्तान की सीधी मदद मिल रही है. गनी ने कहा कि पाकिस्तान ने 10 से 15 हजार आतंकियों को तालिबान के साथ मिशन पर लगा दिया है. 70-80 हजार लड़ाके तालिबान के हैं.
गनी के बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्तान किस तरह से स्टेट को आतंकियों के लिए उपयोग करता है. वह अपना पूरा संसाधान आतंकियों के प्रशिक्षण पर खर्च करता है और उसके बाद उसे दूसरे देशों में आतंक फैलाने के लिए भेज देता है.
गनी के इस बयान के बाद पाक एक बार फिर से पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हुआ है. सारी दुनिया को इसका फिर से सबूत मिला कि कैसे पाकिस्तान आतंकियों को अपने संसाधन के तौर पर उपयोग करता है और उसके जरिए वह अपनी दुकान चलाता है.
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