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Pervez Musharraf : जब भारत ने मुशर्रफ के कुटिल इरादों पर लगाई थी लगाम

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Published : Feb 5, 2023, 12:51 PM IST

Updated : Feb 5, 2023, 10:13 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का 79 साल की अवस्था में दुबई में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. आपको बता दें कि भारत में मुशर्रफ को कारगिल युद्ध, आगरा शिखर वार्ता और संसद पर हुे हमलों में उनकी भूमिका लिए जाना जाता है. इन सभी मौकों पर हमारे वीर जवानों ने मुशर्रफ के इन कुटिल इरादों को विफल कर दिया. आइए इन घटनाओं को विस्तार से जानते हैं.

Musharraf and Vajpayee
मुशर्रफ और वाजपेयी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली : भारत में परवेज मुशर्रफ को सबसे अधिक उनकी कुटिल चालों के लिए जाना जाता है. मुशर्रफ ने भारत के साथ धोखा किया था, पर उन्हें कभी भी सफलता नहीं मिली. ऐसे समय में जबकि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को शांति का प्रस्ताव दिया था, मुशर्रफ ने कारगिल जैसा षडयंत्र रच डाला. तब पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार थी. पाकिस्तानी सेना की कमान मुशर्रफ के हाथों में थी. मुशर्रफ और नवाज के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे. इसका असर पाकिस्तान पर भी पड़ा.

परवेज मुशर्रफ ने भारत के शांति प्रस्ताव के जवाब में पाकिस्तानी सेना की मदद से कारगिल में युद्ध छेड़ दिया. पाक सेना ने मुजाहिदीन का भी साथ लिया. हाल के दिनों में मुशर्रफ ने एक भारतीय चैनल को दिए गए इंटरव्यू में भी इस तथ्य को कबूला था कि पाकिस्तानी सेना कारगिल हमले में शामिल थी. मुशर्रफ ने अपनी आत्मकथा 'इन द लायन ऑफ फायर' में भी इसका जिक्र किया था. हालांकि, कारगिल में भारतीय सेना की वीरता से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी.

इस दुस्साहस के बाद मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 'कू' (सैन्य तख्तापलट) किया. उन्होंने नवाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटा दिया और वह खुद वहां के सर्वेसर्वा बन बैठे. उसके बाद मुशर्रफ ने कश्मीर में जेहादियों को भेजने का सिलसिला और अधिक तेज कर दिया. वाजपेयी ने पाकिस्तान को साफ तौर पर संदेश दिया कि वह इन हरकतों से बाज आए. इन हालातों के बीच 2001 में वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा शिखर वार्ता भी हुई, लेकिन पाकिस्तान अपने रवैयों से बाज नहीं आया. उसने 2001 में आतंकियों को भेजकर देश की संसद पर हमला कराने की कोशिश की, परंतु हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान फेल हो गया. हमारे जवानों ने उनके गुर्गों को ढेर कर दिया.

ये भी पढ़ें : Pervez Musharraf passes away : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन

नई दिल्ली : भारत में परवेज मुशर्रफ को सबसे अधिक उनकी कुटिल चालों के लिए जाना जाता है. मुशर्रफ ने भारत के साथ धोखा किया था, पर उन्हें कभी भी सफलता नहीं मिली. ऐसे समय में जबकि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को शांति का प्रस्ताव दिया था, मुशर्रफ ने कारगिल जैसा षडयंत्र रच डाला. तब पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार थी. पाकिस्तानी सेना की कमान मुशर्रफ के हाथों में थी. मुशर्रफ और नवाज के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे. इसका असर पाकिस्तान पर भी पड़ा.

परवेज मुशर्रफ ने भारत के शांति प्रस्ताव के जवाब में पाकिस्तानी सेना की मदद से कारगिल में युद्ध छेड़ दिया. पाक सेना ने मुजाहिदीन का भी साथ लिया. हाल के दिनों में मुशर्रफ ने एक भारतीय चैनल को दिए गए इंटरव्यू में भी इस तथ्य को कबूला था कि पाकिस्तानी सेना कारगिल हमले में शामिल थी. मुशर्रफ ने अपनी आत्मकथा 'इन द लायन ऑफ फायर' में भी इसका जिक्र किया था. हालांकि, कारगिल में भारतीय सेना की वीरता से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी.

इस दुस्साहस के बाद मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 'कू' (सैन्य तख्तापलट) किया. उन्होंने नवाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटा दिया और वह खुद वहां के सर्वेसर्वा बन बैठे. उसके बाद मुशर्रफ ने कश्मीर में जेहादियों को भेजने का सिलसिला और अधिक तेज कर दिया. वाजपेयी ने पाकिस्तान को साफ तौर पर संदेश दिया कि वह इन हरकतों से बाज आए. इन हालातों के बीच 2001 में वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा शिखर वार्ता भी हुई, लेकिन पाकिस्तान अपने रवैयों से बाज नहीं आया. उसने 2001 में आतंकियों को भेजकर देश की संसद पर हमला कराने की कोशिश की, परंतु हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान फेल हो गया. हमारे जवानों ने उनके गुर्गों को ढेर कर दिया.

ये भी पढ़ें : Pervez Musharraf passes away : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन

Last Updated : Feb 5, 2023, 10:13 PM IST
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