इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके 'कद एवं कानूनी रुतबे' के अनुसार जेल में सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और उन्हें देसी मुर्गा तथा घी में पका मटन परोसा जा रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में 'भ्रष्टाचार' का दोषी पाए जाने के कुछ ही समय बाद उन्हें लाहौर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था और वह पांच अगस्त से पंजाब प्रांत की अटक जेल में बंद हैं.
खान और उनके परिवार को वर्ष 2018-2022 के कार्यकाल के दौरान मिले सरकारी उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में अदालत ने उन्हें सजा सुनाई थी. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को खान की सजा को निलंबित किए जाने के बीच द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा ,"सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष इमरान खान को अटक जेल में उनके कद और कानूनी रुतबे के अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं."
पीटीआई प्रमुख के रहन सहन संबंधी हालात पर रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने जेल अधीक्षक की ओर से सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में बताया गया कि इस जेल का सबसे सुरक्षित कारावास ब्लॉक नंबर 02 है जिसे खाली कर दिया गया था और चार कोठरियों वाले एक भाग को खान को रखने के लिए उच्च निगरानी ब्लाक घोषित कर दिया गया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस ब्लाक में सफेदी करवाई गई, इसके फर्श को पक्का करवाया गया और इसके भीतर छत का एक पंखा भी लगवाया गया.
इसमें बताया गया कि खान को सप्ताह में उनकी इच्छानुसार दो बार देसी मुर्गे का मांस परोसा जा रहा है और बकरे के मांस (मटन) को भी घी में पकाकर दिया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री को परोसे जाने वाले खानपान की सूची में नाश्ते के लिए ब्रेड, ऑमलेट, दही और चाय शामिल हैं जबकि दोपहर और रात्रि भोजन में ताजा फल, सब्जियां, दालें और चावल दिया जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, खान को सोने के लिए गद्दा, चार तकिए, एक मेज, कुर्सी, नमाज के लिए चटाई और कूलर के अलावा टीवी, समाचार पत्र, अंग्रेजी में अनूदित कुरान की चार प्रतियां और इस्लामी इतिहास पर 25 किताबें प्रदान की गई हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए पंजाब से कम से कम 53 जेल कर्मियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया है. इस मामले में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान तोशाखाना से हासिल उपहारों और उनकी बिक्री से हुई आय के ब्योरे को ‘जानबूझकर छिपाया’. तोशाखाना एक सरकारी भंडारण विभाग है, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों को विदेशी सरकारों से मिले उपहारों को रखा जाता है.
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(भाषा)