श्रीनगर : भारत में आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने जिस आतंकी को भेजा था, उसे सुरक्षाबलों ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर के उरी से गिरफ्तार कर लिया था. पकड़े गए आतंकी बाबर अली ने अब पूछताछ में बड़ा कबूला है कि वह पाकिस्तान से हथियारों की आपूर्ति करने भारत आया था. उसने बताया कि पाकिस्तान की सेना के द्वारा उसे प्रशिक्षण दिया जाता था.
पाकिस्तान के ओकारा पंजाब के रहने वाले बाबर अली ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि मेरे पिता का निधन हो गया है. घर में मां और एक बड़ी बहन है. मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. यही नहीं, अली बाबर ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए स्पष्ट कहा कि उसे भारत आने के लिए ISI ने रुपयों का प्रलोभन दिया था और पाकिस्तानी सेना ने प्रशिक्षण भी दिया था. उसने कहा कि, 'मुझे 20 हजार रुपये एडवांस मिले थे. इसके अतिरिक्त मेरे परिवार को 30 हजार रुपये दिए गए थे.'
वीडियो संदेश में बाबर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और लश्कर ए तैयबा कश्मीर के बारे में झूठ फैला रहे हैं. उसने कहा, 'हमें बताया गया कि भारतीय सेना रक्त बहा रही है लेकिन यहां सब शांतिपूर्ण है. मैं अपनी मां को बताना चाहता हूं कि भारतीय सेना ने मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया.'
बाबर ने यह भी कहा कि उसे जिस शिविर में रखा गया वहां आने वाले स्थानीय लोगों के साथ भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों का व्यवहार बहुत अच्छा था. उसने कहा, 'मैं दिन में पांच बार होने वाली अजान सुनता हूं. भारतीय सेना का व्यवहार पाकिस्तानी फौज के एकदम विपरीत है. मुझे लगता है कि कश्मीर में शांति है.' बाबर ने कहा, 'इसके उलट वे पाकिस्तानी कश्मीर में हमारे बेसहारा होने का फायदा उठाते हैं और यहां भेजते हैं.'
खुद के आंतकी समूह में शामिल होने के बारे में बताते हुए बाबर ने कहा कि उसके पिता की सात साल पहले मौत हो गई थी और पैसों की कमी के चलते उसे स्कूल छोड़ना पड़ा था.
बाबर अली की आयु महज 19 साल है. जानकारी के अनुसार, उसने पाकिस्तान के गढ़ी हबीबुल्लाह में आतंकी प्रशिक्षण लिया था. बाबर को पट्टन इलाके में हथियार पहुंचाने का काम मिला था. हालांकि, यह भी हो सकता है कि बाबर का काम केवल हथियार पहुंचाने तक सीमित ना हो और वह किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की योजना का हिस्सा रहा हो.
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बाबर अली ने बताया कि भारतीय सीमा में घुसपैठ के समय भारतीय सेना ने हमारे एक साथी को मार गिराया और मेरे चार साथी वहां से भाग गए और मैं डर के मारे वहां बैठ गया. इसके बाद भारतीय सेना ने मुझे गिरफ्तार कर लिया.