नई दिल्ली : अफगानिस्तान-पाकिस्तान विवादित सीमा डूरंड रेखा (Afghanistan-Pakistan disputed border Durand Line) पर इस समय उबाल है और पाकिस्तानी सेना व तालिबान लड़ाकों के बीच गोलीबारी की खबरें आई हैं. शुक्रवार रात अफगानिस्तान के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के संदिग्ध शिविरों पर पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistani Air Force) के लड़ाकू विमानों द्वारा रातभर हवाई हमले किए जाने के बाद तालिबान लड़ाकों ने गोलाबारी शुरू कर दी. अफगान मीडिया ने टीटीपी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि इन लड़ाकू विमानों ने कुनार, पक्तिका, खोस्त और बाजौर बेल्ट के साथ अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा (Afghanistan-Pakistan Border) पर टीटीपी के शिविरों के खिलाफ एक साथ हवाई हमले किए. उग्रवादी सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग हताहत हुए हैं.
पाकिस्तानी सूत्र अफगानिस्तान में टीटीपी के ठिकानों को और पाकिस्तानी कबायली इलाके को निशाना बनाए जाने का दावा करते हैं. पत्रकारों और तालिबान समर्थकों का दावा है कि महिलाओं और बच्चों सहित पांच नागरिकों की जान चली गई. यह पहली बार है, जब पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं. अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान बलों ने सीमा पर पाकिस्तानी सेना के शिविरों पर भारी तोपखाने की गोलाबारी के साथ पाकिस्तानी हवाई हमलों का जवाब देना शुरू कर दिया. मौजूदा हॉटस्पॉट कुनार में सुल्तान और अफगानिस्तान के खोस्त क्षेत्रों में सेपेरा हैं.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान खोस्त और कुनार में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हथियार इकट्ठा कर रहे हैं और कुछ क्षेत्रों में तालिबान और टीटीपी लड़ाके कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे हैं. उधर, आतंकवादी समूह टीटीपी के आतंकवादियों द्वारा खैबर-पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में पाक-अफगान सीमा क्षेत्र के पास एक पाकिस्तानी सैन्य काफिले पर घात लगाकर हमला किए जाने की खबर है, जिसमें 7 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए.
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सेना के एक बयान में कहा गया है कि हमले उत्तरी वजीरिस्तान में गुरुवार को हुए थे, जो उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत जिलों में से से एक है. नए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री आतंकवादी समूह टीटीपी के साथ किसी भी बातचीत के खिलाफ हैं. उन्होंने कसम खाई है कि 'इसके बारे में कोई गलती न करें, हम जिम्मेदार लोगों का पता लगाएंगे'. ताजा झड़पों के कुछ घंटे बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि टीटीपी के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है.
टीटीपी से सहानुभूति रखने वालों में से एक सोशल मीडिया अकाउंट का कहना है कि टीटीपी बाजौर में एक पाकिस्तानी सैन्य शिविर पर सीमा पार से आधी रात में हमले का दावा कर रहा है. टीटीपी के अनुसार कि उन्होंने नाइट विजन और ग्रेनेड लांचर के साथ स्नाइपर्स का इस्तेमाल किया. पिछले हफ्ते से, पाकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच तकरार एक बार फिर तेज हो गई है. दोनों पक्ष डूरंड रेखा पर ताजा संघर्ष में लगे हुए हैं और शुक्रवार को अफगानिस्तान तालिबान द्वारा अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर निमरोज सेक्टर के पास एक पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने के बाद इसने एक खतरनाक मोड़ ले लिया.
हमले के दौरान सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी घायल हो गया और हेलीकॉप्टर को भी नुकसान पहुंचा. मीडिया की खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सौंपने की मांग की है, लेकिन तालिबान ने अनुरोध को खारिज कर दिया. तालिबान और पाकिस्तान के बीच गहरी दुश्मनी का संकेत दिया. बताया जा रहा है कि तालिबान आने वाले दिनों में संभावित पाकिस्तानी हमले की तैयारी कर रहा है. हालांकि अफगान तालिबान और टीटीपी करीबी सहयोगी हैं और पाकिस्तानी तालिबान नेता और लड़ाके वर्षो से अफगानिस्तान में सीमा पार शरण देने की मांग करते रहे हैं. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने से उसकी पश्चिमी सीमा सुरक्षित हो जाएगी. अब, यह तालिबान पर आतंकवादियों को सीमा पार हमले करने की अनुमति देने का आरोप लगा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मिशन अफगानिस्तान में नागरिकों पर पाकिस्तान के हवाई हमले से चिंतित : फगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने अफगानिस्तान के खोस्त और कुनार प्रांतों पर पाकिस्तानी विमानों के हवाई हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और नागरिकों की हत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की. ये जानकारी खामा प्रेस ने दी. यूएनएएमए ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि वे जमीन पर तथ्यों को स्थापित करने और नुकसान की सीमा को सत्यापित करने के लिए काम कर रहे हैं. ट्वीट के अनुसार कि यूएनएएमए कल रात खोस्त और कुनार प्रांतों में हवाई हमलों के कारण महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों के हताहत होने की खबरों को लेकर बहुत चिंतित है. पाकिस्तानी विमानों द्वारा किए गए हवाई हमलों ने शनिवार दोपहर को खोस्त प्रांत में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और बमबारी की सोशल मीडिया पर अफगानों द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी हवाई हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे मानवता के खिलाफ अपराध और अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन करार दिया.