जशपुर: जिले के बगीचा थाना क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा परिवार के 4 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मृतकों में माता पिता सहित दो बच्चे शामिल हैं. माना जा रहा है कि पति पत्नी ने पहले बच्चों की हत्या की, उसके बाद खुद फांसी पर लटक गए. ग्राम सम्हार बहार के झूमरा डूमर बस्ती से कुछ ही दूरी पर एक पेड़ पर चारों के शव लटके हुए हैं. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची हुई है. खुदकुशी का कारण फिलहाल अज्ञात है. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है.
कलेक्टर ने मृतकों के परिवार से की मुलाकात: जांच के लिए घटनास्थल पर फॉरेंसिक विभाग की टीम पहुंच गई है.मौके पर पहुंचकर कलेक्टर रवि मित्तल ने मृतकों के परिवार वालों से मुलाकात की. इस दौरान कई खुलासे हुए. जिस परिवार ने सामूहिक सुसाइड का कदम उठाया है. उनका अन्तोदय राशन कार्ड. मनरेगा के तहत जॉब कार्ड भी बना है. इन्हें राशन भी मिलता था. बीते 19 मार्च को 35 किलो चावल, 2 किलो नमक, दो किलो चना और एक किलो शक्कर पीडीएस से आवंटित हुआ था. परिवार को पीएम आवास योजना के तहत लाभ भी पहुंचाया गया है. मकान बनकर तैयार है. बिजली की सुविधा भी दी गई है. इसके अलावा परिवार का आयुष्मान कार्ड बना हुआ है. कलेक्टर और जिला प्रशासन का दावा है कि जिस परिवार ने आत्महत्या की है. उनके बच्चे कुपोषित नहीं थे.
पहाड़ी कोरवा: छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली 42 जनजातियों में से एक पहाड़ी कोरवा जनजाति है. पहाड़ी कोरवा को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों का स्थान मिला है. राज्य सरकार ने इन्हें विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया है. पहाड़ी कोरवा जनजाति छत्तीसगढ़ के पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की नस्ल है. इनका अपना रहन-सहन, खान-पान, सभ्यता और संस्कृति है. इस जनजाति पर बढ़ रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इन्हें संरक्षित सूची में स्थान दिया है. ये घने जंगलों में रहते हैं.
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घर में मौत के बाद बदलते हैं घर: आदिवासी समाज के रीतिरिवाज काफी अलग और कठिन होते हैं. पहाड़ी कोरवा के घर पर अगर किसी की मौत हो जाती है तो परिवार में रहने वाले वो घर छोड़ देते हैं. हर मौत के बाद इनका घर बदलने का सिलसिला चलता रहता है.
मिट्टी के बर्तनों में ही बनाते हैं खाना: कोरवा जनजाति के रहन सहन के साथ ही इनका खानपान भी अलग है. ये मिट्टी के बर्तन में खाना बनाते हैं. चोंगी में खाना खाते हैं. फल फूल कंदमूल और जो भी जंगल से मिलता है वहीं इनका जीवन जीने का जरिया होता है.