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केरल की पहली महिला ट्रांसजेंडर वकील बनीं पद्मा लक्ष्मी, शेयर किया अनुभव

केरल की पद्मा लक्ष्मी पहली महिला ट्रांसजेंडर वकील बन गईं हैं, जिन्होंने 'बार काउंसिल ऑफ केरल' में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. पद्मा लक्ष्मी ने केरल के एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. पद्मा लक्ष्मी ने बताया कि उनको यहां तक पहुंचने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

Padma Lakshmi
पहली महिला ट्रांसजेंडर पद्मा लक्ष्मी
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Published : Mar 21, 2023, 10:26 AM IST

एर्नाकुलम (केरल): एडापल्ली की पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) ने केरल में पहली ट्रांसजेंडर वकील बनकर इतिहास रच दिया है. पद्मा लक्ष्मी ने बार काउंसिल ऑफ केरल (Bar Council of Kerala) में रविवार 19 मार्च को नामांकन कराया है. पद्मा लक्ष्मी के जीवन का यह सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है. पद्मा लक्ष्मी ने कहा कि उन्हें अपने जीवन में कई बार उपेक्षा का सामना किया, तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे इसका सामना करने के लिए एक ताकत की जरूरत है. पद्मा कहती हैं कि उन्होंने वकील बनने का फैसला तब किया, जब उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें एक ऐसी नौकरी की जरूरत है जो उन्हें ताकत दे.

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज बनना है, जो न्याय से वंचित हैं. यह मेरे माता-पिता ही थे जिन्होंने मुझे साहस के साथ आगे बढ़ने का विश्वास दिया. इसके साथ ही कानूनी समुदाय भी अब बहुत सहयोग प्रदान कर रहा है. वकील बनना बचपन से ही मेरा सपना रहा है. अधिवक्ता पद्मा का लक्ष्य एक अच्छे वकील के रूप में प्रदर्शन करना और भविष्य में न्यायिक सेवा में प्रवेश कर कानून की राह में नए मानक स्थापित करना है.

पद्मा लक्ष्मी रविवार (19 मार्च) को अधिवक्ताओं के रूप में नामांकन करने वाले 1,528 लोगों में से पहली थीं. पद्मा ने बताया कि उन्हें अपने जेंडर के बारे में बहुत जल्दी पता चल गया था. लेकिन एलएलबी के अपने अंतिम वर्ष में ही उन्होंने अपने पिता और मां से अपनी पहचान के बारे में बताया. उन्होंने बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और परिवार को आगे बढ़ने में सहयोग दिया. पद्मा ने कहा कि मेरे पिता और मां ने कहा कि आपको हमें कुछ भी बताना होगा, यह बात उनके जीवन में एक बड़ी ताकत बन गई है.

पद्मा खुद को हर चीज में सकारात्मक मानती हैं. माता-पिता की चिंता न करने का फैसला किया. उनका मानना ​​था कि एक बार कानून की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद वे उनके जीवन की चिंता नहीं करेंगे. इससे पहले ही हॉर्मोनल इलाज शुरू हो चुका था. पद्मा का एर्नाकुलम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. पद्मा ने पढ़ाई के साथ-साथ दूसरे काम करके भी पैसा कमाया.

ये भी पढ़ें- Rahul Gandhi on BJP: राहुल बोले- कई लोग पीएम मोदी, बीजेपी और पुलिस से डरते हैं, लेकिन मैं नहीं

पद्मा लक्ष्मी ने भी सभी का साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया. पद्मा लक्ष्मी ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के और लोगों को वकील के रूप में आगे आना चाहिए और उन्हें हर संभव सहयोग देना चाहिए. एडवोकेट पद्मा लक्ष्मी मंत्री पी राजीव को धन्यवाद देना चाहती हैं, जिन्होंने उनका समर्थन किया. इस संबंध में पी राजीव ने फेसबुक पर एक नोट के जरिए बधाई दी है. मंत्री पी राजीव ने फेसबुक के जरिए पद्मा लक्ष्मी को बधाई, जिन्होंने अपने जीवन में सभी बाधाओं को पार किया और केरल के पहले ट्रांसजेंडर वकील के रूप में नामांकित किया. मंत्री पी राजीव ने पद्मा लक्ष्नी से साथ सभी 1,528 वकीलों को बधाई दी है.

एर्नाकुलम (केरल): एडापल्ली की पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) ने केरल में पहली ट्रांसजेंडर वकील बनकर इतिहास रच दिया है. पद्मा लक्ष्मी ने बार काउंसिल ऑफ केरल (Bar Council of Kerala) में रविवार 19 मार्च को नामांकन कराया है. पद्मा लक्ष्मी के जीवन का यह सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है. पद्मा लक्ष्मी ने कहा कि उन्हें अपने जीवन में कई बार उपेक्षा का सामना किया, तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे इसका सामना करने के लिए एक ताकत की जरूरत है. पद्मा कहती हैं कि उन्होंने वकील बनने का फैसला तब किया, जब उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें एक ऐसी नौकरी की जरूरत है जो उन्हें ताकत दे.

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज बनना है, जो न्याय से वंचित हैं. यह मेरे माता-पिता ही थे जिन्होंने मुझे साहस के साथ आगे बढ़ने का विश्वास दिया. इसके साथ ही कानूनी समुदाय भी अब बहुत सहयोग प्रदान कर रहा है. वकील बनना बचपन से ही मेरा सपना रहा है. अधिवक्ता पद्मा का लक्ष्य एक अच्छे वकील के रूप में प्रदर्शन करना और भविष्य में न्यायिक सेवा में प्रवेश कर कानून की राह में नए मानक स्थापित करना है.

पद्मा लक्ष्मी रविवार (19 मार्च) को अधिवक्ताओं के रूप में नामांकन करने वाले 1,528 लोगों में से पहली थीं. पद्मा ने बताया कि उन्हें अपने जेंडर के बारे में बहुत जल्दी पता चल गया था. लेकिन एलएलबी के अपने अंतिम वर्ष में ही उन्होंने अपने पिता और मां से अपनी पहचान के बारे में बताया. उन्होंने बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और परिवार को आगे बढ़ने में सहयोग दिया. पद्मा ने कहा कि मेरे पिता और मां ने कहा कि आपको हमें कुछ भी बताना होगा, यह बात उनके जीवन में एक बड़ी ताकत बन गई है.

पद्मा खुद को हर चीज में सकारात्मक मानती हैं. माता-पिता की चिंता न करने का फैसला किया. उनका मानना ​​था कि एक बार कानून की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद वे उनके जीवन की चिंता नहीं करेंगे. इससे पहले ही हॉर्मोनल इलाज शुरू हो चुका था. पद्मा का एर्नाकुलम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. पद्मा ने पढ़ाई के साथ-साथ दूसरे काम करके भी पैसा कमाया.

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पद्मा लक्ष्मी ने भी सभी का साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया. पद्मा लक्ष्मी ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के और लोगों को वकील के रूप में आगे आना चाहिए और उन्हें हर संभव सहयोग देना चाहिए. एडवोकेट पद्मा लक्ष्मी मंत्री पी राजीव को धन्यवाद देना चाहती हैं, जिन्होंने उनका समर्थन किया. इस संबंध में पी राजीव ने फेसबुक पर एक नोट के जरिए बधाई दी है. मंत्री पी राजीव ने फेसबुक के जरिए पद्मा लक्ष्मी को बधाई, जिन्होंने अपने जीवन में सभी बाधाओं को पार किया और केरल के पहले ट्रांसजेंडर वकील के रूप में नामांकित किया. मंत्री पी राजीव ने पद्मा लक्ष्नी से साथ सभी 1,528 वकीलों को बधाई दी है.

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