सूरत : गुजरात में निकाय चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है. सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं. इस बीच कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर अंतर्विरोध सामने आ रहा है.
सूरत में पाटीदार अमानत आंदोलन समिति (PAAS) के सदस्य टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस से काफी खफा हैं और निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को हराने के लिए कार्य करने का निर्णय लिया है. PAAS के सदस्य जनसभा को संबोधित कर पाटीदार समुदाय के लोगों से कांग्रेस के खिलाफ वोट करने की अपील कर रहे हैं.
हालांकि, पाटीदार नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं, PAAS ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हार्दिक पटेल को छोड़कर वह कांग्रेस के सभी नेताओं का विरोध करेंगे, क्योंकि वह खुद को ठगा महसूस कर रही है.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने सूरत PAAS के संयोजक धार्मिक मालवीय को टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने अंतिम समय में वार्ड नंबर 3 से अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने का फैसला किया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए धार्मिक मालवीय ने कहा कि कांग्रेस ने PAAS द्वारा सुझाए गए दो व्यक्तियों को टिकट देने का वादा किया था, लेकिन बाद में विशाखाबेन और विजय पनसुरिया को टिकट देने से इनकार कर दिया.
धार्मिक के करीबी दो अन्य कांग्रेस उम्मीदवारों ने भी PAAS के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया है. अब, इस वार्ड से केवल एक कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में है.
धार्मिक ने कहा कि उन्होंने वार्ड में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और कांग्रेस उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास शुरू कर दिए हैं. हम भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ हैं और इसलिए अन्य पार्टियां हमारा लाभ ले सकती हैं.
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बता दें कि हार्दिक पटेल पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के प्रमुख नेता थे और बाद में PAAS के तमाम सदस्यों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए. पिछले चुनाव में पाटीदार अमानत आंदोलन समिति ने कांग्रेस का समर्थन किया था.