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महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने कर्नाटक पहुंचाई 120 MT मेडिकल ऑक्सीजन - महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस

कोरोना से लड़ाई में भारतीय रेलवे पूरी तरह से जुटा हुआ है. रेलवे ने शनिवार को एक और उपलब्धि हासिल की है. पहली बार महिला चालक दल ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन किया.

महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस
महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस
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Published : May 22, 2021, 7:02 PM IST

Updated : May 22, 2021, 7:27 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने शनिवार को एक और उपलब्धि हासिल की है. पहली बार महिला चालक दल ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन किया है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) बेंगलुरु पहुंचीं.

ट्रेन को शुक्रवार को पड़ोसी तमिलनाडु के जोलारपेट्टई से बेंगलुरु तक पूरी तरह से महिला चालक दल ने संचालित किया.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ट्वीट किया, 'कर्नाटक के लिए सातवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार को टाटानगर (जमशेदपुर) से बेंगलुरु पहुंची. केवल महिला चालक दल द्वारा संचालित यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन राज्य में कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.'

महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस

दक्षिण पश्चिम रेलवे के अनुसार, लोको पायलट सिरीशा गजिनी और सहायक लोको पायलट अपर्णा आर पी ने जोलारपेट्टई से बेंगलुरु के लिए ट्रेन चलाई.

दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनीश हेगड़े ने बताया, 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस में सवार चालक दल में सभी महिला सदस्य का होना दुर्लभ है क्योंकि हमारे पास रेलवे में ज्यादा महिला लोको-पायलट नहीं हैं.'

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आठवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी आज सुबह 109.2 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस लेकर गुजरात के जामनगर से बेंगलुरु पहुंची. राज्य सरकार ने राज्य में बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए प्रतिदिन 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की है.

इस बीच कुल 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक देश भर के विभिन्न राज्यों में 884 से अधिक टैंकरों में लगभग 14500 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन पहुंचाई है.

हालांकि, 8 लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस वर्तमान में 35 टैंकरों में 563 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ के साथ चल रही हैं. रेलवे 13 राज्यों उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन राहत प्रदान कर रहा है.

कहां-कितनी आपूर्ति की गई

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3463 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 566 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4278 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1698 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 943 मीट्रिक टन, 320 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

उत्तराखंड में मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 769 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 571 मीट्रिक टन, पंजाब में 153 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन और तेलंगाना में 772 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

रेल मंत्रालय ने बताया कि रेलवे दैनिक आधार पर औसतन 800 मीट्रिक टन एलएमओ वितरित कर रहा है. इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति लंबी दूरी पर ज्यादातर मामलों में 55 किमी प्रति घंटे से अधिक है.

पढ़ें- सिलेंडर से सीधे ठंडी ऑक्सीजन देना बेहद खतरनाक : न्यूरोसर्जरी प्रोफेसर

रेलवे इन ट्रेनों को उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर अत्यावश्यकता के साथ चला रहा है. विभिन्न वर्गों में चालक दल के परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है.

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने शनिवार को एक और उपलब्धि हासिल की है. पहली बार महिला चालक दल ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन किया है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) बेंगलुरु पहुंचीं.

ट्रेन को शुक्रवार को पड़ोसी तमिलनाडु के जोलारपेट्टई से बेंगलुरु तक पूरी तरह से महिला चालक दल ने संचालित किया.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ट्वीट किया, 'कर्नाटक के लिए सातवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार को टाटानगर (जमशेदपुर) से बेंगलुरु पहुंची. केवल महिला चालक दल द्वारा संचालित यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन राज्य में कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.'

महिला चालक दल वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस

दक्षिण पश्चिम रेलवे के अनुसार, लोको पायलट सिरीशा गजिनी और सहायक लोको पायलट अपर्णा आर पी ने जोलारपेट्टई से बेंगलुरु के लिए ट्रेन चलाई.

दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनीश हेगड़े ने बताया, 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस में सवार चालक दल में सभी महिला सदस्य का होना दुर्लभ है क्योंकि हमारे पास रेलवे में ज्यादा महिला लोको-पायलट नहीं हैं.'

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आठवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी आज सुबह 109.2 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस लेकर गुजरात के जामनगर से बेंगलुरु पहुंची. राज्य सरकार ने राज्य में बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए प्रतिदिन 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की है.

इस बीच कुल 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक देश भर के विभिन्न राज्यों में 884 से अधिक टैंकरों में लगभग 14500 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन पहुंचाई है.

हालांकि, 8 लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस वर्तमान में 35 टैंकरों में 563 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ के साथ चल रही हैं. रेलवे 13 राज्यों उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन राहत प्रदान कर रहा है.

कहां-कितनी आपूर्ति की गई

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3463 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 566 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4278 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1698 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 943 मीट्रिक टन, 320 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

उत्तराखंड में मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 769 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 571 मीट्रिक टन, पंजाब में 153 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन और तेलंगाना में 772 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

रेल मंत्रालय ने बताया कि रेलवे दैनिक आधार पर औसतन 800 मीट्रिक टन एलएमओ वितरित कर रहा है. इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति लंबी दूरी पर ज्यादातर मामलों में 55 किमी प्रति घंटे से अधिक है.

पढ़ें- सिलेंडर से सीधे ठंडी ऑक्सीजन देना बेहद खतरनाक : न्यूरोसर्जरी प्रोफेसर

रेलवे इन ट्रेनों को उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर अत्यावश्यकता के साथ चला रहा है. विभिन्न वर्गों में चालक दल के परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है.

Last Updated : May 22, 2021, 7:27 PM IST
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