नई दिल्ली : हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान पर पटलवार किया है. औवेसी ने ट्वीट कर भागवत से पूछा कि अगर सभी हिंदू देशभक्त हैं तो महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बारे में उनका क्या ख्याल है? क्या भागवत इस मामले पर जवाब देंगे.
औवेसी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि अगर ऐसा है तो 1984 सिख विरोधी दंगा क्या था? वहीं नेली नरंसहार (असम) के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में क्या कहेंगे?
औवेसी ने कहा कि ओवैसी ने आगे कहा कि यह मानना तर्कसंगत है कि अधिकर भारतीय देशभक्त होते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म के हों, लेकिन यह केवल आरएसएस की बेतुकी विचारधारा में ही है कि केवल एक धर्म के अनुयायियों को देशभक्ति के सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं, जबकि अन्य लोगों को अपनी पूरा जीवन यह साबित करने में गुजारना पड़ता है कि उन्हें भारत में रहने का अधिकार है और वह अपने आप को भारतीय कह सकते हैं.
मोहन भागवत का बयान
इससे पहले शुक्रवार को जे के बजाज और एम डी श्रीनिवास लिखित पुस्तक ‘मेकिंग आफ ए हिन्दू पैट्रियट : बैकग्राउंड आफ गांधीजी हिन्द स्वराज का लोकार्पण करते हुए मोहन भागवत ने कहा था अगर कोई हिन्दू है तब वह देशभक्त होगा और यह उसका बुनियादी चरित्र एवं प्रकृति है. संघ प्रमुख ने महात्मा गांधी की उस टिप्पणी को उद्धृत करते हुए यह बात कही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी देशभक्ति की उत्पत्ति उनके धर्म से हुई है.
उन्होंने कहा का था कि महापुरुषों को कोई अपने हिसाब से परिभाषित नहीं कर सकता. यह किताब व्यापक शोध पर आधारित है और जिनका इससे विभिन्न मत है वह भी शोध कर लिख सकते हैं.
यह भी पढ़ें- कोई हिंदू भारत विरोधी नहीं हो सकता, उसे देशभक्त होना ही पड़ेगा : मोहन भागवत
संघ प्रमुख ने कहा था कि गांधीजी ने कहा था कि मेरी देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है. मैं अपने धर्म को समझकर अच्छा देशभक्त बनूंगा और लोगों को भी ऐसा करने को कहूंगा. गांधीजी ने कहा था कि स्वराज को समझने के लिए स्वधर्म को समझना होगा.
स्वधर्म और देशभक्ति का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा था कि हिन्दू है तो उसे देशभक्त होना ही होगा क्योंकि उसके मूल में यह है. वह सोया हो सकता है जिसे जगाना होगा, लेकिन कोई हिन्दू भारत विरोधी नहीं हो सकता.