नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के आयोजन पर पिछले पांच वर्षों के दौरान करीब 6.9 करोड़ रुपये खर्च किये गये. वर्ष 2018 में 1,53,62,000 रुपये, 2019 में 1,39,65,000 रुपये और 2020, 2021 और 2022 में प्रत्येक वर्ष में 1,32,53,000 खर्च किए गए. सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी.
यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा एक लिखित उत्तर के रूप में साझा की गई थी. वह बसपा सांसद, हाजी फजलुर रहमान के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. इसमें पिछले पांच के दौरान दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के आयोजन पर किए गए खर्च का विवरण मांगा गया था.
रक्षा राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विभिन्न व्यवस्था करने पर होने वाला खर्च संबंधित प्रतिभागी/कार्यकारी संगठनों/एजेंसियों द्वारा अपने स्वयं के बजट आवंटन से वहन किया जाता है और इसे एक लेखा शीर्ष के तहत संकलित या प्रदर्शित नहीं किया जाता है. हालांकि, वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए रक्षा मंत्रालय के सेरेमोनियल डिवीजन का आवंटन चालू वित्त वर्ष के दौरान सभी औपचारिक कार्यों के लिए 13253000 रुपये है.
जवाब के अनुसार, पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान सभी प्रकार के समारोहों के आयोजन के लिए रक्षा विभाग के सेरेमोनियल डिवीजन को बजट के आवंटन से संबंधित कुल राशि 6.9 करोड़ है. उक्त अवधि के दौरान उक्त कार्यों के लिए टिकटों की बिक्री से एकत्र कुल राजस्व के बारे में पूछे जाने पर, रक्षा राज्य मंत्री ने उत्तर दिया कि वर्ष 2018 में टिकट की बिक्री से 34,90,000 वसूले किए गए.
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2019 में 34,34,264 रुपये एकत्र किए गए. इसी तरह वर्ष 2020 में 34,72,990 रुपये वसूले गए. वहीं, 2021 में 10,12,860 रुपये आए. फिर 2022 में 1,14,500 रुपये जबकि 2023 में टिकटों की बिक्री से प्राप्त कुल राशि 28,36,980 रुपये है. हालांकि, सिस्टम त्रुटि के कारण रद्द किए गए टिकट, राशि की वापसी की प्रक्रिया चल रही है.