नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि 30 जून 2022 तक, 2,45,601 भारतीय छात्र विदेश में पढ़ने के लिए विदेश चले गए. यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से साझा की. केंद्र सरकार ने 2019 से 2022 (30 जून तक) विदेश में अध्ययन करने के लिए देश छोड़ने वाले भारतीय छात्रों के सांख्यिकीय विवरण को साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2022 (30 जून तक) में 2,45,601 छात्र पढ़ाई के लिए भारत छोड़कर विदेश गए, जबकि 2021 में 4,44,553, 2020 में 2,59,655 और 2019 में 5,86,337 छात्रों ने विदेश में पढ़ने के लिए देश छोड़ा.
विवरण के अनुसार, अमेरिका ने इस सूची में 2022 में (30 जून तक) शीर्ष रैंक हासिल की, जहां 64,667 छात्र आगे की पढ़ाई के लिए गए. इसके बाद कनाडा में 60,258, यूनाइटेड किंगडम में 38,695 और ऑस्ट्रेलिया में 28,090 छात्र पढ़ाई के लिए गए. यहां यह ध्यान देने योग्य है कि 1491 छात्र इसी अवधि में आगे की पढ़ाई के लिए यूक्रेन के लिए भी रवाना हुए. बता दें कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद छात्रों समेत सभी भारतीय लोगों को देश वापस लाया गया था. दिलचस्प बात यह है कि 2021 में 18,596 भारतीय छात्र यूक्रेन गए थे, जबकि 2020 में 6723 और 2019 में 13,911 छात्र यूक्रेन गए थे.
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वहीं 2022 में केवल एक ही छात्र शिक्षा प्राप्त करने चीन गया, जबकि 2021 में 3, 2020 में 398, और 2019 में 19,170 छात्र शिक्षा प्राप्त करने चीन गए थे. इसके अतिरिक्त वंदे भारत मिशन के तहत विदेश से स्वदेश लौटने वाले भारतीयों की संख्या पर सवाल का जवाब देते हुए मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि 21 मार्च, 2022 तक, बिहार सहित (इन-बाउंड और आउट-बाउंड) 3.09 करोड़ यात्रियों को वंदे भारत मिशन और एयर बबल अरेंजमेंट के तहत संचालित उड़ानों में सुविधा दी गई.