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भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ : सरकार - अनुसूचित जनजाति की आबादी

केंद्र ने लोकसभा में जानकारी दी है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति का आबादी करीब साढ़े दस करोड़ है. इसके साथ ही एसटी के कितने उम्मीदवार चुनकर आए हैं इसकी भी राज्यवार संख्या बताई गई है.

10.45 crore registered Scheduled Tribes in India
केंद्र ने लोकसभा
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Published : Jul 25, 2022, 10:59 PM IST

नई दिल्ली : 2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की जनसंख्या 10.45 करोड़ है. मध्य प्रदेश (1,53,16,784), महाराष्ट्र (1,05,10,213), ओडिशा (95,90,756), राजस्थान (92, 38,534 ) और गुजरात (89,17,174) ने शीर्ष पांच का दर्जा हासिल किया है. संसद के निचले सदन में जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता (Renuka Singh Saruta) ने एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी. रेणुका सिंह सरुता ने देश में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या पर पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध कराए हैं.

इसके अलावा लोकसभा 2014 और 2019 के आम चुनाव में चुने गए एसटी उम्मीदवारों की राज्य-वार संख्या पर भी जानकारी दी. इसके मुताबिक 2014 में ये संख्या 53 थी जबकि 2019 में 56 रही. मध्यप्रदेश (6), झारखंड (5), ओडिशा (5), गुजरात (5), छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र (4) एसटी के लिए सबसे अधिक सीटें हासिल करने वाले शीर्ष पांच राज्यों के रूप में उभरे.

गौरतलब है कि यह प्रतिक्रिया उस दिन आई है जब भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण की है. इससे भारत की जनजातीय आबादी को बड़ा प्रोत्साहन मिला है. रामनाथ कोविंद के रविवार को अपना पद छोड़ने के बाद आज द्रौपदी मुर्मू का भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आना भारत के भविष्य पर नीति निर्माताओं, राजनीतिक विश्लेषकों, विपक्षी दलों और अन्य लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है. अनुच्छेद 370, सीएए और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोविद के मौन रहने को लेकर अक्सर विपक्ष संदेह की दृष्टि से देखता था.

पढ़ें- Monsoon Session 2022 : संसद में विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित

नई दिल्ली : 2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की जनसंख्या 10.45 करोड़ है. मध्य प्रदेश (1,53,16,784), महाराष्ट्र (1,05,10,213), ओडिशा (95,90,756), राजस्थान (92, 38,534 ) और गुजरात (89,17,174) ने शीर्ष पांच का दर्जा हासिल किया है. संसद के निचले सदन में जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता (Renuka Singh Saruta) ने एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी. रेणुका सिंह सरुता ने देश में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या पर पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध कराए हैं.

इसके अलावा लोकसभा 2014 और 2019 के आम चुनाव में चुने गए एसटी उम्मीदवारों की राज्य-वार संख्या पर भी जानकारी दी. इसके मुताबिक 2014 में ये संख्या 53 थी जबकि 2019 में 56 रही. मध्यप्रदेश (6), झारखंड (5), ओडिशा (5), गुजरात (5), छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र (4) एसटी के लिए सबसे अधिक सीटें हासिल करने वाले शीर्ष पांच राज्यों के रूप में उभरे.

गौरतलब है कि यह प्रतिक्रिया उस दिन आई है जब भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण की है. इससे भारत की जनजातीय आबादी को बड़ा प्रोत्साहन मिला है. रामनाथ कोविंद के रविवार को अपना पद छोड़ने के बाद आज द्रौपदी मुर्मू का भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आना भारत के भविष्य पर नीति निर्माताओं, राजनीतिक विश्लेषकों, विपक्षी दलों और अन्य लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है. अनुच्छेद 370, सीएए और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोविद के मौन रहने को लेकर अक्सर विपक्ष संदेह की दृष्टि से देखता था.

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