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उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सरकार से कोरोना से हुई मौतों पर मांगी रिपोर्ट

कोरोना महामारी में हुई मौतों के लिए उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जबाब मांग है और वहीं अदालत इस मामले में अगली सुनवाई सात अक्टूबर को करेगी.

उड़ीसा उच्च न्यायालय
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Published : Sep 8, 2021, 10:47 PM IST

कटक : उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के चलते हुई मौतों के संबंध में दाखिल सरकारी हलफनामे में कई विसंगतियां निकाली हैं. सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि इस साल 15 जुलाई से 31 अगस्त तक 47 दिनों में 3097 मौतें हुईं.

अदालत ने कहा पहले यह बताया गया कि 15, 2021 तक 4925 मौतें हुईं. कोर्ट ने कहा छह सितंबर 2021 का हलफनामा दर्शाता है कि 31 अगस्त, 2021 तक महामारी के कारण ओड़िशा में 8022 मौतें हुईं है. अदालत ने सवाल किया ये आंकड़े इतने कैसे पहुंच गए. कोर्ट ने सरकार को अक्टूबर तक नया हलफनामा देने का आदेश दिया है. अदालत इस मामले में अब सात अक्टूबर को आगे सुनवाई करेगी.

इसे भी पढे़ं-बंगाल चुनाव बाद हिंसा: सीबीआई के सामने आने लगे नए मामले

मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर की अगुवाई वाली खंडपीठ उस रिट याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के लिए कोविड टीकाकरण को गति प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

उच्च न्यायालय ने बुजुर्गों की अनुमानित लक्षित जनसंख्या के बारे में जानना चाहा एवं राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि यह लक्ष्य 2011 की जनगणना के आधार पर या 2021 के अनुमानित आंकड़े पर तय किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

कटक : उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के चलते हुई मौतों के संबंध में दाखिल सरकारी हलफनामे में कई विसंगतियां निकाली हैं. सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि इस साल 15 जुलाई से 31 अगस्त तक 47 दिनों में 3097 मौतें हुईं.

अदालत ने कहा पहले यह बताया गया कि 15, 2021 तक 4925 मौतें हुईं. कोर्ट ने कहा छह सितंबर 2021 का हलफनामा दर्शाता है कि 31 अगस्त, 2021 तक महामारी के कारण ओड़िशा में 8022 मौतें हुईं है. अदालत ने सवाल किया ये आंकड़े इतने कैसे पहुंच गए. कोर्ट ने सरकार को अक्टूबर तक नया हलफनामा देने का आदेश दिया है. अदालत इस मामले में अब सात अक्टूबर को आगे सुनवाई करेगी.

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मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर की अगुवाई वाली खंडपीठ उस रिट याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के लिए कोविड टीकाकरण को गति प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

उच्च न्यायालय ने बुजुर्गों की अनुमानित लक्षित जनसंख्या के बारे में जानना चाहा एवं राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि यह लक्ष्य 2011 की जनगणना के आधार पर या 2021 के अनुमानित आंकड़े पर तय किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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