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मोरबी ब्रिज हादसा: ओरेवा कंपनी ने 2020 में भी लिखा था लेटर, सामने आई बड़ी बात

ओरेवा कंपनी का लेटर 20 अगस्त 2020 को मोरबी जिला कलेक्टर को भी मिला था. इसमें सूचित किया गया है कि वे पुल को अस्थायी रूप से मरम्मत करने के लिये खोलने जा रहे हैं. साथ ही जब तक समझौता नहीं हो जाता तब तक स्थायी मरम्मत के लिए सामग्री और अनुबंध आदि का आदेश नहीं देंगे.

मोरबी ब्रिज हादसा
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Published : Nov 3, 2022, 8:37 AM IST

मोरबी : गुजरात में मोरबी ब्रिज ढहने के बाद प्राइवेट कंपनी ओरवा का एक लेटर सामने आया है. यह पत्र अस्थायी रूप से पुल की मरम्मत और चालू करने के संबंध में है. कंपनी ने वर्ष 2020 में भी एक पत्र लिखा था और पुल के बारे में मोरबी के जिला कलेक्टर को सूचित किया था. बता दें, मोरबी में ब्रिज गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई है. तब से इस ब्रिज को मैनेज करने वाली ओरवा कंपनी विवादों में घिर गई है. कंपनी पर हर तरफ से गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. साथ ही जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. ओरेवा कंपनी की ओर से इस पुल की अस्थायी मरम्मत शुरू करने का पत्र मिला है.

मरम्मत में असमंजस
जानकारी के मुताबिक ओरेवा कंपनी का लेटर 20 अगस्त 2020 को मोरबी जिला कलेक्टर को भी मिला था. इसमें सूचित किया गया है कि वे पुल को अस्थायी रूप से मरम्मत करने के लिये खोलने जा रहे हैं. साथ ही जब तक समझौता नहीं हो जाता तब तक स्थायी मरम्मत के लिए सामग्री/अनुबंध आदि का आदेश नहीं देंगे. इसके साथ ही समझौते में समय लगेगा, इसलिए वे अस्थायी मरम्मत कर पुल को खोलने जा रहे हैं. एग्रीमेंट होने के बाद पुल को लंबे समय तक रिपेरिंग के लिये रखा जायेगा.

वहीं, कंपनी ने मोरबी के एक अफसर को पत्र लिखा था कि इस ब्रिज को ओरेवा ट्रस्ट को सोंपा जाए, जिसके साथ एक ड्राफ्ट भी लगाया गया था. जो प्रशासन की ओर से प्रोसेस करना था. वहीं, ओरेवा कंपनी की ओर से सामने आए लेटर में लिखा है कि वे मर्यादित समय के अंदर मोरबी ब्रिज को खोलना चाहते है और चालू भी करना चाहते है. इस विषय में 29 जनवरी 2020 को एक बैठक भी की गई थी. इस बैठक के बाद प्रशासन की ओर से मोरबी क्लेकटर और चीफ ऑफिसर की ओर के कहा गया कि प्रोसीजर को बढ़ाने में 2 से 3 महीने का समय लग सकता है.

कंपनी ने अपने लेटर में साफ कर दिया है कि जब तक प्रशासन की ओर से कोई पत्र नहीं आ जाता तब तक निश्चित समय मर्यादा में पुल का रिपेरिंग शुरू नहीं करेंगे. इतना ही नहीं रिपेरिंग वर्क के लिये कोई सामान भी ऑर्डर नहीं किया जाएगा. वहीं, अस्थायी रूप से रिपेरिंग के लिए पुल चालू करने जा रहे है.

ये भी पढ़ें : मोरबी हादसा : मैनेजर ने कोर्ट में दिया बयान, 'यह भगवान की इच्छा थी'

मोरबी : गुजरात में मोरबी ब्रिज ढहने के बाद प्राइवेट कंपनी ओरवा का एक लेटर सामने आया है. यह पत्र अस्थायी रूप से पुल की मरम्मत और चालू करने के संबंध में है. कंपनी ने वर्ष 2020 में भी एक पत्र लिखा था और पुल के बारे में मोरबी के जिला कलेक्टर को सूचित किया था. बता दें, मोरबी में ब्रिज गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई है. तब से इस ब्रिज को मैनेज करने वाली ओरवा कंपनी विवादों में घिर गई है. कंपनी पर हर तरफ से गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. साथ ही जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. ओरेवा कंपनी की ओर से इस पुल की अस्थायी मरम्मत शुरू करने का पत्र मिला है.

मरम्मत में असमंजस
जानकारी के मुताबिक ओरेवा कंपनी का लेटर 20 अगस्त 2020 को मोरबी जिला कलेक्टर को भी मिला था. इसमें सूचित किया गया है कि वे पुल को अस्थायी रूप से मरम्मत करने के लिये खोलने जा रहे हैं. साथ ही जब तक समझौता नहीं हो जाता तब तक स्थायी मरम्मत के लिए सामग्री/अनुबंध आदि का आदेश नहीं देंगे. इसके साथ ही समझौते में समय लगेगा, इसलिए वे अस्थायी मरम्मत कर पुल को खोलने जा रहे हैं. एग्रीमेंट होने के बाद पुल को लंबे समय तक रिपेरिंग के लिये रखा जायेगा.

वहीं, कंपनी ने मोरबी के एक अफसर को पत्र लिखा था कि इस ब्रिज को ओरेवा ट्रस्ट को सोंपा जाए, जिसके साथ एक ड्राफ्ट भी लगाया गया था. जो प्रशासन की ओर से प्रोसेस करना था. वहीं, ओरेवा कंपनी की ओर से सामने आए लेटर में लिखा है कि वे मर्यादित समय के अंदर मोरबी ब्रिज को खोलना चाहते है और चालू भी करना चाहते है. इस विषय में 29 जनवरी 2020 को एक बैठक भी की गई थी. इस बैठक के बाद प्रशासन की ओर से मोरबी क्लेकटर और चीफ ऑफिसर की ओर के कहा गया कि प्रोसीजर को बढ़ाने में 2 से 3 महीने का समय लग सकता है.

कंपनी ने अपने लेटर में साफ कर दिया है कि जब तक प्रशासन की ओर से कोई पत्र नहीं आ जाता तब तक निश्चित समय मर्यादा में पुल का रिपेरिंग शुरू नहीं करेंगे. इतना ही नहीं रिपेरिंग वर्क के लिये कोई सामान भी ऑर्डर नहीं किया जाएगा. वहीं, अस्थायी रूप से रिपेरिंग के लिए पुल चालू करने जा रहे है.

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