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ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाना का रिसीवर डीएम को नियुक्त करने का आदेश

ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाना का रिसीवर डीएम को नियुक्त करने का आदेश कोर्ट ने दिया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 8:46 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में दक्षिण हिस्से में व्यास जी के तहखाना की सुपुर्दगी जिलाधिकारी वाराणसी को दिए जाने की व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक की मांग को आज आखिरकार कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट की तरफ से देर शाम इस संबंध में जारी किए गए लिखित आदेश में यह स्पष्ट कहा गया है कि प्रार्थनापत्र 7 ग स्वीकार किया जाता है.


जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को सेटिलमेन्ट प्लाट नंबर- 9130 थाना चौक जिला वाराणसी में स्थित भवन की दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने (वादग्रस्त सम्पत्ति) का रिसीवर नियुक्त किया जाता है. रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया जाता है कि वादग्रस्त सम्पत्ति को दौरान बाद अपनी अभिरक्षा और नियंत्रण में रखें और सुरक्षित रखें और दौरान वाद उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन न होने दे. कोर्ट ने इस मामले में अगले सनी के लिए 25 तारीख की तिथि मुकर्रर की है.


वहीं, इस मामले में 1991 लॉर्ड विश्वेश्वर प्रकरण के बाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से खुद को पक्ष कर बनाए जाने की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरसअल, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद स्थित व्‍यास तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने की मांग संबंधी अर्जी व्‍यास परिवार के शैलेंद्र पाठक व्‍यास की तरफ से 25 सितम्‍बर 2023 को अर्जी देकर कहा गया कि वर्तमान में नंदी जी के सामने स्थित व्‍यास तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्‍जे में रहा. वर्ष 1993 में प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई. तहखाने का दरवाजा खुला हुआ है. आशंका जताई थी कि मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी व्‍यास तहखाने पर कब्‍जा कर सकती है, इसलिए तहखाने की देखरेख की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारी को दी जाए.


दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने पिछले दिनों एक वाद दायर किया था. इसमें उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी की तरफ से यह दलील दी गई थी कि पंडित सोमनाथ व्यास के तहखाना पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है. क्योंकि, 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ होता रहा. लेकिन, बाद में नंदी के सामने बैरिकेडिंग करके पूजा पाठ रोकने के साथ ही परिवार के लोगों को भी अंदर जाने से रोका गया. नंदी के सामने बैरिकेडिंग को हटाने और तहखाने को पूर्व की तरह व्यास परिवार के लिए खोले जाने की मांग करने के साथ ही जब तक यह मुकदमा चल रहा है, तब तक इसका मालिकाना हक जिला अधिकारी वाराणसी को सुपुर्द किए जाने की मांग इस एप्लीकेशन में की गई थी. इस मामले में लगातार कोर्ट सुनवाई कर रहा था जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तहखाना की सुपुर्द की जिलाधिकारी को देने का आदेश दिया है.

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वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में दक्षिण हिस्से में व्यास जी के तहखाना की सुपुर्दगी जिलाधिकारी वाराणसी को दिए जाने की व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक की मांग को आज आखिरकार कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट की तरफ से देर शाम इस संबंध में जारी किए गए लिखित आदेश में यह स्पष्ट कहा गया है कि प्रार्थनापत्र 7 ग स्वीकार किया जाता है.


जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को सेटिलमेन्ट प्लाट नंबर- 9130 थाना चौक जिला वाराणसी में स्थित भवन की दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने (वादग्रस्त सम्पत्ति) का रिसीवर नियुक्त किया जाता है. रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया जाता है कि वादग्रस्त सम्पत्ति को दौरान बाद अपनी अभिरक्षा और नियंत्रण में रखें और सुरक्षित रखें और दौरान वाद उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन न होने दे. कोर्ट ने इस मामले में अगले सनी के लिए 25 तारीख की तिथि मुकर्रर की है.


वहीं, इस मामले में 1991 लॉर्ड विश्वेश्वर प्रकरण के बाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से खुद को पक्ष कर बनाए जाने की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरसअल, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद स्थित व्‍यास तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने की मांग संबंधी अर्जी व्‍यास परिवार के शैलेंद्र पाठक व्‍यास की तरफ से 25 सितम्‍बर 2023 को अर्जी देकर कहा गया कि वर्तमान में नंदी जी के सामने स्थित व्‍यास तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्‍जे में रहा. वर्ष 1993 में प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई. तहखाने का दरवाजा खुला हुआ है. आशंका जताई थी कि मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी व्‍यास तहखाने पर कब्‍जा कर सकती है, इसलिए तहखाने की देखरेख की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारी को दी जाए.


दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने पिछले दिनों एक वाद दायर किया था. इसमें उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी की तरफ से यह दलील दी गई थी कि पंडित सोमनाथ व्यास के तहखाना पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है. क्योंकि, 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ होता रहा. लेकिन, बाद में नंदी के सामने बैरिकेडिंग करके पूजा पाठ रोकने के साथ ही परिवार के लोगों को भी अंदर जाने से रोका गया. नंदी के सामने बैरिकेडिंग को हटाने और तहखाने को पूर्व की तरह व्यास परिवार के लिए खोले जाने की मांग करने के साथ ही जब तक यह मुकदमा चल रहा है, तब तक इसका मालिकाना हक जिला अधिकारी वाराणसी को सुपुर्द किए जाने की मांग इस एप्लीकेशन में की गई थी. इस मामले में लगातार कोर्ट सुनवाई कर रहा था जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तहखाना की सुपुर्द की जिलाधिकारी को देने का आदेश दिया है.

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