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फतह किट : कई बार टेंडर निकालने पर सवालों में घिरी पंजाब सरकार - फतह किट घोटाला

पंजाब में इन दिनों फतह किट को लेकर बवाल मचा है. विपक्षी पार्टियां इस पर कैप्टन सरकार पर बराबर निशाना साध रही हैं.फतह किट क्या है और क्यों इस पर सवाल उठ रहें हैं, पढ़ें विस्तार से.

सवालों में घिरी पंजाब सरकार
सवालों में घिरी पंजाब सरकार
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Published : Jun 8, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 8:19 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब में कोरोना महामारी दौरान पहले वैक्सीन और अब फतह किट घोटाला सामने आया है. यह घोटाला कोरोना मरीजों को पंजाब सरकार की तरफ से दी जा रही फतह किट से जुड़ा है.

खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए केवल 50 दिन में सूबे की सरकार ने फतह किट के लिए 4 बार टेंडर निकाले. वहीं सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि कम बोली लगाने वाले को सरकार की तरफ से टेंडर की कीमत से अधिक पैसे दिए गए.

बार-बार निकाले गए टेंडर

सवालों में घिरी पंजाब सरकार

शायद यह पहली बारी सुना होगा कि किसी टेंडर की कम बोली लगाने के बावजूद भी उसे ज़्यादा पैसे दिए गए और बाद में बार-बार टेंडर निकाल कर महंगे दाम पर इस किट को खरीदा गया.

अधिवक्ता विशाल अग्रवाल ने बताया कि जो भी मरीज कोविड पॉजिटिव होते हैं उन्हें फतह किट दी जाती है. इसमें करीब 20 चीजें थीं. इसमें थर्मामीटर, स्टीमर, ऑक्सीमीटर समेत अन्य चीजें थीं. पंजाब सरकार की तरफ से फतह किट खरीदने के लिए तीन बोली लगाने वाले को पहले टेंडर 838 रुपए में दे दिया गया. बाद में हर एक फतह किट के लिए उसे 940 रुपए दिए गए.

टेंडर की शर्तों पर गौर करें तो सरकार इस कंपनी से तकरीबन छह महीने यानि कि 180 दिन तक इसी रेट पर और फतह किट खरीद सकती थी लेकिन सरकार ने कुछ दिन बाद ही 20 अप्रैल को एक और नया टेंडर निकाल दिया. जिसमें नई कंपनी को उसी फतह किट के 1226 रुपए दिए गए.

यही नहीं सरकार 7 मई को एक और टेंडर निकालती है. इस बार फतह किट खरीदने के लिए सरकार 1338 रुपए देने को राजी हो जाती है. इस तरीके के साथ जो किट पहले टेंडर में सरकार को 838 रुपए में मिल रही थी वह तीसरे टेंडर में तकरीबन 500 रुपए अधिक कीमत पर खरीदी गई. बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पहले टेंडर के मुताबिक सरकार 180 दिन तक उस कंपनी से कम रेट पर अन्य केटी खरीद सकती थी तो बार-बार टेंडर क्यों निकाले गए?

पढ़ें-पंजाब सरकार पर ड्रग लाइसेंस में भ्रष्टाचार के आरोप, भाजपा ने सोनिया-राहुल से पूछे सवाल

हरसिमरत ने साधा निशाना

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि डेढ़ साल तक किसी भी अस्पताल जाकर किसी मरीज को देखने तक की जहमत नहीं उठाई. अफसरों के सहारे सरकार चल रही है. कल वैक्सीन घोटाला सामने आया था अब फतह किट घोटाला सामने आया है. करीब 60-70 करोड़ का घोटाला किया गया.

आप नेता नील गर्ग ने कहा कि सरकार लगातार घोटालों में शामिल है. इस घपले की जांच कराई जाए. टेंडर रद किया जाए. वहीं, सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि सिर्फ सियासत हो रही. जो होगा सामने आएगा. केस कोर्ट में है कोर्ट में ही जवाब देंगे.

चंडीगढ़: पंजाब में कोरोना महामारी दौरान पहले वैक्सीन और अब फतह किट घोटाला सामने आया है. यह घोटाला कोरोना मरीजों को पंजाब सरकार की तरफ से दी जा रही फतह किट से जुड़ा है.

खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए केवल 50 दिन में सूबे की सरकार ने फतह किट के लिए 4 बार टेंडर निकाले. वहीं सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि कम बोली लगाने वाले को सरकार की तरफ से टेंडर की कीमत से अधिक पैसे दिए गए.

बार-बार निकाले गए टेंडर

सवालों में घिरी पंजाब सरकार

शायद यह पहली बारी सुना होगा कि किसी टेंडर की कम बोली लगाने के बावजूद भी उसे ज़्यादा पैसे दिए गए और बाद में बार-बार टेंडर निकाल कर महंगे दाम पर इस किट को खरीदा गया.

अधिवक्ता विशाल अग्रवाल ने बताया कि जो भी मरीज कोविड पॉजिटिव होते हैं उन्हें फतह किट दी जाती है. इसमें करीब 20 चीजें थीं. इसमें थर्मामीटर, स्टीमर, ऑक्सीमीटर समेत अन्य चीजें थीं. पंजाब सरकार की तरफ से फतह किट खरीदने के लिए तीन बोली लगाने वाले को पहले टेंडर 838 रुपए में दे दिया गया. बाद में हर एक फतह किट के लिए उसे 940 रुपए दिए गए.

टेंडर की शर्तों पर गौर करें तो सरकार इस कंपनी से तकरीबन छह महीने यानि कि 180 दिन तक इसी रेट पर और फतह किट खरीद सकती थी लेकिन सरकार ने कुछ दिन बाद ही 20 अप्रैल को एक और नया टेंडर निकाल दिया. जिसमें नई कंपनी को उसी फतह किट के 1226 रुपए दिए गए.

यही नहीं सरकार 7 मई को एक और टेंडर निकालती है. इस बार फतह किट खरीदने के लिए सरकार 1338 रुपए देने को राजी हो जाती है. इस तरीके के साथ जो किट पहले टेंडर में सरकार को 838 रुपए में मिल रही थी वह तीसरे टेंडर में तकरीबन 500 रुपए अधिक कीमत पर खरीदी गई. बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पहले टेंडर के मुताबिक सरकार 180 दिन तक उस कंपनी से कम रेट पर अन्य केटी खरीद सकती थी तो बार-बार टेंडर क्यों निकाले गए?

पढ़ें-पंजाब सरकार पर ड्रग लाइसेंस में भ्रष्टाचार के आरोप, भाजपा ने सोनिया-राहुल से पूछे सवाल

हरसिमरत ने साधा निशाना

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि डेढ़ साल तक किसी भी अस्पताल जाकर किसी मरीज को देखने तक की जहमत नहीं उठाई. अफसरों के सहारे सरकार चल रही है. कल वैक्सीन घोटाला सामने आया था अब फतह किट घोटाला सामने आया है. करीब 60-70 करोड़ का घोटाला किया गया.

आप नेता नील गर्ग ने कहा कि सरकार लगातार घोटालों में शामिल है. इस घपले की जांच कराई जाए. टेंडर रद किया जाए. वहीं, सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि सिर्फ सियासत हो रही. जो होगा सामने आएगा. केस कोर्ट में है कोर्ट में ही जवाब देंगे.

Last Updated : Jun 8, 2021, 8:19 PM IST
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