नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को जमानत दे दी है. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. मामले में जमानत मिलने के बावजूद कुमार जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे क्योंकि वह एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. कोर्ट ने सज्जन कुमार को पासपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सज्जन कुमार को बिना इजाजत के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है और पासपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करने का भी निर्देश दिया है.
सोनिया गांधी से मिले जगदीश टाइटलर: सज्जन कुमार को मिली जमानत के खबरों के बीच दिल्ली दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की है. कांग्रेस संगठन में इन दिनों बड़े बदलाव हो रहे हैं, इस कारण सोनिया गांधी से मिलने वालों का तांता लगा है. उनकी इस मुलाकात पर बीजेपी समेत विपक्ष ने कांग्रेस पर सवाल दागे हैं. बीजेपी नेता मनजिंदर सिरसा ने कहा कि 1984 के सिखों के आरोपी जगदीश टाइटलर को सोनिया गांधी ने अपने घर बैठक के लिए बुलाया था. इस मीटिंग से स्पष्ट संकेत मिलता है कि गांधी परिवार के इशारे पर सिखों की हत्या की गई थी. भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस संकेत दे रही है कि वह अभी भी हत्यारों के साथ खड़ी है. कांग्रेस का दोहरा चरित्र सारा देश देख रहा है. उन्होंने कहा कि सिखों के हत्यारों को कांग्रेस की ओर से गले लगाया जा रहा है, मगर जल्द ही जगदीश टाइटलर जेल में होंगे. राहुल गांधी और सोनिया गांधी जेल में उनसे मिल सकते हैं.
पिछले साल अक्टूबर में, सोनिया गांधी ने सिख दंगों के आरोपी रहे जगदीश टाइटलर को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का पदाधिकारी नियुक्त किया था. इसके बाद दिल्ली से लेकर पंजाब तक राजनीति हुई थी. विपक्षी दलों ने सोनिया गांधी के फैसले पर सवाल उठाया था. इसके बाद से कांग्रेस नेतृत्व जगदीश टाइटलर से दूरी बनाने लगा. हालांकि इस बीच टाइटलर कई बार कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं. जब राहुल गांधी एक दिवसीय अनशन पर जाने वाले थे, तब जगदीश टाइटलर राजघाट भी पहुंचे थे लेकिन राहुल गांधी के आने से पहले उन्हें हटा दिया गया था.
जगदीश टाइटलर सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार के बाद सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस का दूसरा चेहरा हैं. सीबीआई ने 2007, 2009 और 2014 में टाइटलर के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी लेकिन दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगा पीड़ित लखविंदर कौर की याचिका पर सुनवाई के बाद दिसंबर 2015 में क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.