पटनाः बिहार में विपक्षी एकता की बैठक के बाद सोमवार 17 जुलाई बेंगलुरु में बैठक होने वाली है. बता दें कि पटना में 15 दलों की बैठक सफलतापूर्वक हुई थी. जबकि बेंगलुरु में 17- 18 जुलाई 2 दिनों की बैठक में 24 दल शामिल होने की जानकारी मिल रही है. पटना की बैठक में भी नीतीश कुमार के राष्ट्रीय संयोजक बनाने की चर्चा हो रही थी, लेकिन फैसला नहीं हुआ. अब बेंगलुरु में भी राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा, इस पर कयास लग रहे हैं?
सोनिया गांधी होंगी शामिलः नीतीश कुमार के रास्ते में कई रोड़े हैं, क्योंकि इस बार कांग्रेस पूरा आयोजन कर रही है. बैठक में सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं. ऐसे में अब सबकुछ कांग्रेस पर ही निर्भर है. बेंगलुरु में 2 दिनों के मंथन में सीट शेयरिंग से लेकर गठबंधन के नाम और विपक्षी दलों की मुहिम को कौन आगे बढ़ाएगा, इसको लेकर फैसला होगा. दूसरी तरफ सत्ता पक्ष 18 जुलाई को दिल्ली में अपने सहयोगियों के साथ बैठक करने जा रही है.
24 दलों को शामिल होने की चर्चाः बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक में 24 दलों को शामिल होने की चर्चा हो रही है. सत्ता पक्ष के खेमे में भी कई दल नजर आएंगे. विपक्षी दलों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा जाएंगे. सत्ता पक्ष की होने वाली बैठक में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को निमंत्रण मिल चुका है. उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी पर अभी भी सस्पेंस है.
'कांग्रेस का यह मास्टर स्ट्रोक': 17 जुलाई को विपक्षी बैठक को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का कहना है पटना की बैठक नीतीश कुमार की पहल पर ही सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी, लेकिन अब कांग्रेस ने विपक्षी दलों की बैठक की कमान अपने हाथ में ले ली है. नीतीश कुमार के संयोजक बनाने की चर्चा पटना में जरूर हुई थी लेकिन अब जब सोनिया गांधी बैठक में होगी. एक तरह से कांग्रेस का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. तब सब कुछ कांग्रेस पर ही निर्भर है.
'नीतीश कुमार दावेदार नहीं': जदयू और आरजेडी नेताओं का कहना है कि बेंगलुरु बैठक में संयोजक के नाम पर फैसला हो जाएगा. विपक्षी एकजुटता किस तरह से आगे बढ़ेगी, वह सबके सामने होगा. जदयू प्रवक्ता मनजीत कुमार सिंह का कहना है नीतीश कुमार ने कभी दावेदारी नहीं की है. प्रधानमंत्री पद को लेकर भी उन्होंने बयान नहीं दिया है कि 'मैं दावेदार नहीं हूं'. विपक्ष को अधिक से अधिक एकजुट कर 2024 में बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जा सके.
'भाजपा हो रही है बेचैन': बैठक को लेकर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने ओर से आश्वत किया है. कहा कि बेंगलुरु में बैठक होने वाली है. इसमें सभी कुछ तय हो जाएगा. बैठक में संयोजक, नेतृत्वकर्ता आदि को लेकर फैसला लिया जाएगा. 2024 के लिए विपक्षी एकजुटता में आगे क्या कुछ होना है, वह सब कुछ 17 और 18 जुलाई की बैठक चर्चा की जाएगी. बैठक को लेकर भाजपा बेचैन हो गई है. इसलिए 18 जुलाई को दिल्ली में बैठक कर रही है.
लोकसभा चुनाव 9 महीने शेषः लोकसभा चुनाव 2024 में अब आठ 9 महीने ही बच गए हैं. बीजेपी के खिलाफ जहां विपक्षी दल एक मंच के नीचे इकट्ठा हो रहे हैं. आगे की रणनीति बनाने की तैयारी 17 और 18 जुलाई को होगी. सत्ता पक्ष की तरफ से भी जवाब देने की तैयारी हो रही है. दोनों बैठकों पर पूरे देश की नजर है. सबसे अधिक विपक्षी खेमे की बैठक पर है. बेंगलुरु बैठक से ही विपक्षी एकजुटता की स्थिति स्पष्ट होगी.