नई दिल्ली : विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान चलाने के लिए 11 सदस्यीय अभियान समिति का गठन किया है. उन 11 सदस्यों में कांग्रेस से जयराम रमेश, द्रमुक से तिरुचि शिवा, टीएमसी से सुखेंदु शेखर रॉय, सीपीआई (एम) से सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल, टीआरएस से रंजीत रेड्डी, आरजेडी से मनोज झा, डी राजा भाकपा और सिविल सोसाइटी से सुधींद्र कुलकर्णी शामिल हैं. समिति में शिवसेना का एक उम्मीदवार भी होगा, जो महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.
बता दें कि विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिन्होंने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने (सिन्हा) कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान होने पर अब और 18 जुलाई के बीच संख्या बदल सकती है. वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. सिन्हा ने मीडिया से कहा, "आप यह सोचकर लड़ाई में नहीं जाते हैं कि आप हमेशा विजयी होंगे. आप लड़ाई में जाते हैं क्योंकि आप लड़ाई में ही विश्वास करते हैं. इसलिए मेरे लिए यह लड़ाई अधिक महत्वपूर्ण है. मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि जहाँ तक है संख्या का संबंध है, यह एक विकासशील स्थिति है. आज और 18 जुलाई के बीच कई बदलाव होंगे. आइए आज की संख्या पर न जाएं. आज जो दिखाई दे रहा है वह 18 जुलाई को नहीं हो सकती है."
सिन्हा ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह भारतीय जनता पार्टी के लिए आम आदमी पार्टी के मतदान की कल्पना नहीं कर सकते. "मैं कल्पना नहीं कर सकता कि आप ने भाजपा को वोट दिया है. चयन में चुनाव स्पष्ट है. मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं हूं. विपक्ष द्वारा मुझे अपना उम्मीदवार बनाए जाने से पहले मैंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से इस्तीफा दे दिया था. दूसरी ओर आपके पास एक उम्मीदवार है जिसको भाजपा का पुरजोर समर्थन प्राप्त है. ऐसी स्थिति में जो भी मतदाता है, उसे एक तरफ भाजपा और एक ऐसे व्यक्ति को चुनना होगा जो किसी पार्टी से संबंधित नहीं है.
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एएनआई