लखनऊ : उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में नई गर्मी ला दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी की समाजवादी पार्टी में बैक डोर से एंट्री हो सकती है. साथ ही वह ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर गाजीपुर की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
दरअसल, गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से सपा विधायक सुभाष पासी भाजपा में शामिल हो गए हैं. इससे सपा सकते में है, ऐसे में उनको गाजीपुर में अंसारी परिवार का साथ चाहिए. भाजपा की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि समाजवादी पार्टी की राजनीति बिना माफिया के नहीं चल सकती. इसलिए पिछले दरवाजे से मुख्तार अंसारी की सपा में एंट्री हो रही है.
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं, उन पर दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हैं. मंगलवार की शाम ओम प्रकाश राजभर ने बांदा जेल में मुख्तार अंसारी से मुलाकात की थी.
ओपी राजभर की पार्टी के साथ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का गठबंधन लगभग तय है. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी सीधे समाजवादी पार्टी से न लड़कर ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे.जिससे भारतीय जनता पार्टी को पूर्वांचल की कई सीटों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. मुख्तार अंसारी जेल में रहते हुए ही नामांकन करेंगे और चुनाव लड़ेंगे ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं.
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वहीं, राजभर और मुख्तार अंसारी की मुलाकात पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि राजभर के बहाने वास्तविकता में अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी को राजनीतिक संरक्षण देने का काम कर रहे हैं. अखिलेश यादव जानते हैं बिना माफियाओं और गुंडों के सहारे उनकी साइकिल का पहिया नहीं घूम सकता. इसीलिए मुख्तार को साथ लाने के लिए ओमप्रकाश राजभर को आगे किया है.