नई दिल्ली : भारत में कोरोना की दूसरी लहर के व्यापक प्रसार के बीच वैक्सीनेशन कार्यक्रम जारी है. देश में अभी दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को दी जा रही है. हालांकि कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां लोग वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना से संक्रमित पाए गए.
इसके बाद एक बहस भी पैदा हुई कि क्या वाकई में कोरोना वैक्सीन से संक्रमण से बचा जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान इसका जवाब दिया.
मंत्रालय ने बताया कि देश में लगाई जा रही दोनों ही वैक्सीनों से मौतें और संक्रमण का खतरा कम होता है. यदि वैक्सीन लेने के बाद कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो इसे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन कहा जाता है.
मंत्रालय ने आंकड़ों के हिसाब से बताया कि प्रति दस हजार पर केवल 2-4 लोग ही वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं.
मंत्रालय ने बताया कि इसकी प्रमुख वजह स्वास्थ्य कर्मचारियों का वायरस के अत्याधिक खतरे के बीच में काम करना है, जिससे उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है.
इसके साथ ही कोरोना का नया डबल म्यूटेंट के अधिक संक्रामित होना भी इसकी एक प्रमुख वजह है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि आंकड़ों के हिसाब से वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमित होने की संख्या नाममात्र ही है. साथ ही सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की सलाह दी.
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