नासिक: केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर 31 दिसंबर तक निर्यात शुल्क लगाने के फैसले के बाद महाराष्ट्र के किसानों की ओर से नाराजगी जताई जा रही है. किसानों को डर है कि इस फैसले से उन्हें नुकसान होगा. किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार शुल्क लगाकर किसानों के काम में बाधा डाल रही है. प्याज निर्यात को लेकर केंद्र सरकार के फैसले का येवला के किसान विरोध कर रहे हैं.
आंदोलन की चेतावनी: भंडार में रखे गए अधिकांश प्याज बारिश के कारण खराब हो गए. किसान सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार ऐसे फैसले लेकर किसानों की जेब में आने वाले पैसे को रोक रही है? महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ भी आक्रामक हो रहा है. महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक और अध्यक्ष भरत दिघोले ने सीधी चेतावनी दी कि सड़क और रेल रोक दी जाएगी. प्याज किसान एकनाथ गायकवाड और किसान भगवान डोले ने सरकार से इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की है.
बाजार में नेफेड का प्याज : देश में प्याज की मांग बढ़ने और बाजार समितियों में आवक कम होने से प्याज की कीमतें बढ़ीं. सितंबर महीने में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना है. नासिक की बाजार समिति में पिछले कुछ दिनों से प्याज की आवक कम होने से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल प्याज 1800 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है.
आम उपभोक्ताओं को 30 रुपये किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है. बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी. इस बीच सरकार ने प्याज की कीमत कम करने के लिए नेफेड (NAFED) से 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खुदरा बाजार में लाने का फैसला किया है. इस फैसले की चर्चा शुरू होते ही बाजार समितियों में जो प्याज 2300 से 2600 रुपये बिक रहा था, उसकी कीमत 200 से 300 रुपये तक गिर गयी.
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ ने प्याज को बाजार में लाने के फैसले को लेकर नेफेड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. प्याज किसान एकनाथ गायकवाड और किसान भगवान डोले ने सरकार से इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की है. प्याज मार्च से काफी कम दाम पर बिक रहा था. पिछले कुछ दिनों से प्याज की अच्छी कीमत मिलने लगी है. आरोप है कि केंद्र सरकार ने खुदरा बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ऐसे फैसले लिए हैं. एक हफ्ते पहले केंद्र सरकार ने नेफेड का प्याज बाजार में उतारने का फैसला किया था. लेकिन उस फैसले का विरोध शुरू हो गया तो सरकार ने उस फैसले को तत्काल निलंबित कर दिया.
लेकिन नेफेड का प्याज बाजार में लाया जाए या नहीं, इस पर केंद्र सरकार 15 सितंबर के बाद फैसला लेगी. किसानों की मांग है कि केंद्र निर्यात शुल्क संबंधी अपना फैसला तुरंत वापस ले. चूंकि सितंबर में प्याज की कीमत बढ़ने की संभावना है, इसलिए सरकार ने प्याज पर निर्यात शुल्क लगा दिया है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले मंत्रालय के निर्देशानुसार खुदरा बाजार में प्याज की बढ़ती कीमत को नियंत्रण में लाने की कोशिशें चल रही हैं.