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ज्ञानवापी के ASI सर्वे के फैसले से पहले वाराणसी कोर्ट और हाईकोर्ट में केस दाखिल, ये मांग उठाई गई

ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर हाईकोर्ट का आदेश आने से पहले वाराणसी की कोर्ट में एक और केस दाखिल हो गया है. चलिए जानते हैं इस केस के बारे में.

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Published : Aug 2, 2023, 5:11 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 8:18 PM IST

विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने दी यह जानकारी.

वाराणसी: ज्ञानवापी के ASI सर्वे को लेकर हाईकोर्ट 3 अगस्त गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है, लेकिन इसके पहले आज वाराणसी के सिविल कोर्ट में श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से एक और याचिका दायर की गई है. इसमें राखी सिंह की तरफ से कोर्ट से तत्काल प्रभाव से मुस्लिम समुदाय का प्रवेश मस्जिद में रोकने के साथ ही अंदर मौजूद तमाम साक्ष्य नष्ट किए जाने की आशंका जताई गई है. विशेष कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 4 अगस्त को इस पर सुनवाई की तिथि तय की है.

विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से आज वाराणसी की सिविल कोर्ट में एक एप्लीकेशन दी गई है. इस एप्लीकेशन में राखी सिंह की तरफ से 24 जुलाई को सर्वे के लिए एएसआई की टीम के पहुंचने पर मस्जिद की चाभी टीम को ना सौंपे जाने की बात करते हुए तमाम सबूतों के नष्ट होने की आशंका जताई है.



राखी सिंह ने कोर्ट से गुजारिश की है कि अंदर हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मौजूद हैं और यह चीजें बार-बार कहीं जा रही हैं. इसके बावजूद अंदर जाने वाले वर्ग विशेष के लोग इन सबूतों को नष्ट करके जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए तत्काल प्रभाव से इनका प्रवेश रोका जाना चाहिए. राखी सिंह की तरफ से कोर्ट ने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग भी की है. इसे कोर्ट ने आज स्वीकार करते हुए 4 अगस्त को इस पूरे मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. संतोष सिंह का कहना है कि कल फैसला हमारे पक्ष में आने वाला है और इसे लेकर हम तैयारियां कर रहे हैं. एएसआई का सर्वे होगा और इससे चीजें साफ हो जाएंगी.

हिन्दू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग

वहीं, ज्ञानवापी मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. ज्ञानवापी परिसर के साइंटिफिक सर्वे मामले में फैसले से एक दिन पहले ही दाखिल जनहित याचिका ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने और वहां गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की गई है. वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति के लिए मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए. वहां इस तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो. इस जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे के मामले में हाई कोर्ट का फैसला गुरुवार तीन अगस्त को आना है. तब तक सर्वे करने पर रोक है. वहीं वजू खाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को सुप्रीम कोर्ट पहले ही सील करने का आदेश दे चुका है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही सर्वे करने पर कोई निर्णय हो सकेगा.

ये भी पढ़ेंः कानपुर में रॉकेट, हैंडग्रेनेड और बम बनाएगा अडाणी समूह, 41 प्रकार के रक्षा उत्पाद होंगे तैयार

ये भी पढ़ेंः उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, अतीक अहमद के कार्यालय से मिली कोल्ट पिस्टल से ही चलाई गईं थीं गोलियां

विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने दी यह जानकारी.

वाराणसी: ज्ञानवापी के ASI सर्वे को लेकर हाईकोर्ट 3 अगस्त गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है, लेकिन इसके पहले आज वाराणसी के सिविल कोर्ट में श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से एक और याचिका दायर की गई है. इसमें राखी सिंह की तरफ से कोर्ट से तत्काल प्रभाव से मुस्लिम समुदाय का प्रवेश मस्जिद में रोकने के साथ ही अंदर मौजूद तमाम साक्ष्य नष्ट किए जाने की आशंका जताई गई है. विशेष कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 4 अगस्त को इस पर सुनवाई की तिथि तय की है.

विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से आज वाराणसी की सिविल कोर्ट में एक एप्लीकेशन दी गई है. इस एप्लीकेशन में राखी सिंह की तरफ से 24 जुलाई को सर्वे के लिए एएसआई की टीम के पहुंचने पर मस्जिद की चाभी टीम को ना सौंपे जाने की बात करते हुए तमाम सबूतों के नष्ट होने की आशंका जताई है.



राखी सिंह ने कोर्ट से गुजारिश की है कि अंदर हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मौजूद हैं और यह चीजें बार-बार कहीं जा रही हैं. इसके बावजूद अंदर जाने वाले वर्ग विशेष के लोग इन सबूतों को नष्ट करके जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए तत्काल प्रभाव से इनका प्रवेश रोका जाना चाहिए. राखी सिंह की तरफ से कोर्ट ने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग भी की है. इसे कोर्ट ने आज स्वीकार करते हुए 4 अगस्त को इस पूरे मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. संतोष सिंह का कहना है कि कल फैसला हमारे पक्ष में आने वाला है और इसे लेकर हम तैयारियां कर रहे हैं. एएसआई का सर्वे होगा और इससे चीजें साफ हो जाएंगी.

हिन्दू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग

वहीं, ज्ञानवापी मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. ज्ञानवापी परिसर के साइंटिफिक सर्वे मामले में फैसले से एक दिन पहले ही दाखिल जनहित याचिका ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने और वहां गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की गई है. वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति के लिए मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए. वहां इस तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो. इस जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे के मामले में हाई कोर्ट का फैसला गुरुवार तीन अगस्त को आना है. तब तक सर्वे करने पर रोक है. वहीं वजू खाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को सुप्रीम कोर्ट पहले ही सील करने का आदेश दे चुका है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही सर्वे करने पर कोई निर्णय हो सकेगा.

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Last Updated : Aug 2, 2023, 8:18 PM IST
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