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पश्चिम बंगाल : फर्जी टीकाकरण मामले में एक और गिरफ्तारी

नकली टीकाकरण घोटाले की जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (detective department ) के अधिकारियों ने मामले में अशोक रे (Ashoke Ray) नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है.

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Published : Jul 1, 2021, 9:20 PM IST

कोलकाता : नकली टीकाकरण घोटाले (fake vaccination scam) की जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (detective department ) के अधिकारियों ने इस मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार व्यक्ति का नाम अशोक रे (Ashoke Ray) है. उन्हें जासूसी विभाग के अधिकारियों ने बुधवार देर रात कोलकाता के उत्तरी इलाके बिराती से गिरफ्तार किया था.

फर्जी टीकाकरण कांड (fake vaccination scandal) में मुख्य आरोपी देबंजन देब (Debanjan Deb ) ने कस्बा के राजडंगा में इस व्यक्ति से 65,000 रुपये मासिक किराए पर कार्यालय की जगह ली थी. दरअसल देब इसी दफ्तर से अपना फर्जी टीकाकरण कैंप (fake vaccination camp) चला रहा था.

जासूसी विभाग के सूत्रों ने बताया कि अशोक, देबंजन के साथ कई फर्जी गतिविधियों में शामिल था. देब ने दावा किया कि एक बार दोनों ने नौकरशाह के रूप में एक टीम का नेतृत्व किया, जिसने एक नकली खाद्य तेल कारखाने (fake edible oil factory) पर छापा मारा.

उन्होंने यह भी दावा किया कि एक बार उन्होंने चुनाव में एक नोडल अधिकारी ( nodal officer) के रूप में काम किया. आरोप है कि रे इस खबर को एक स्थानीय दैनिक में प्रकाशित कराने में सफल रहे.

पढ़ें - फर्जी टीकाकरण : अलग-अलग अपराधों का अध्ययन करता था देबंजन देब

इसी बीच खबर सामने आई है कि देब के बड़े भाई कंचन देब (Kanchan Deb) पर अपनी पत्नी रितुपर्णा देब (Rituparna Deb) ने पांच साल पहले घरेलू हिंसा (domestic violence) का आरोप लगाया था.

इस संबंध में उनकी ओर से पांच साल पहले शिकायत दर्ज कराई गई थी. कंचन देब उस समय किसी तरह उस मामले में सजा से बचने में कामयाब रहे और यह भी आरोप लगाया जाता है कि उस दौरान देबंजन ने उनकी मदद की थी.

कोलकाता : नकली टीकाकरण घोटाले (fake vaccination scam) की जांच कर रहे कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (detective department ) के अधिकारियों ने इस मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार व्यक्ति का नाम अशोक रे (Ashoke Ray) है. उन्हें जासूसी विभाग के अधिकारियों ने बुधवार देर रात कोलकाता के उत्तरी इलाके बिराती से गिरफ्तार किया था.

फर्जी टीकाकरण कांड (fake vaccination scandal) में मुख्य आरोपी देबंजन देब (Debanjan Deb ) ने कस्बा के राजडंगा में इस व्यक्ति से 65,000 रुपये मासिक किराए पर कार्यालय की जगह ली थी. दरअसल देब इसी दफ्तर से अपना फर्जी टीकाकरण कैंप (fake vaccination camp) चला रहा था.

जासूसी विभाग के सूत्रों ने बताया कि अशोक, देबंजन के साथ कई फर्जी गतिविधियों में शामिल था. देब ने दावा किया कि एक बार दोनों ने नौकरशाह के रूप में एक टीम का नेतृत्व किया, जिसने एक नकली खाद्य तेल कारखाने (fake edible oil factory) पर छापा मारा.

उन्होंने यह भी दावा किया कि एक बार उन्होंने चुनाव में एक नोडल अधिकारी ( nodal officer) के रूप में काम किया. आरोप है कि रे इस खबर को एक स्थानीय दैनिक में प्रकाशित कराने में सफल रहे.

पढ़ें - फर्जी टीकाकरण : अलग-अलग अपराधों का अध्ययन करता था देबंजन देब

इसी बीच खबर सामने आई है कि देब के बड़े भाई कंचन देब (Kanchan Deb) पर अपनी पत्नी रितुपर्णा देब (Rituparna Deb) ने पांच साल पहले घरेलू हिंसा (domestic violence) का आरोप लगाया था.

इस संबंध में उनकी ओर से पांच साल पहले शिकायत दर्ज कराई गई थी. कंचन देब उस समय किसी तरह उस मामले में सजा से बचने में कामयाब रहे और यह भी आरोप लगाया जाता है कि उस दौरान देबंजन ने उनकी मदद की थी.

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