वाराणसी: काशी अद्भुत नगरी है. ऐसी मान्यता है कि इस अद्भुत नगरी के कण-कण में शिव विराजते हैं. इसी मान्यता के अनुरूप काशी में पहली बार एक ऐसा आयोजन होने जा रहा है, जिसमें एक करोड़ एक लाख शिवलिंग का पूजन एक साथ एक स्थान पर किया जाएगा. आयोजकों का दावा है कि यह आयोजन विश्व भर में पहली बार इतने बड़े स्तर पर हो रहा है.
काशी में पहली बार हो रहा इतना बड़ा आयोजनः इसके पहले 11 लाख, 21 लाख और 51 लाख तक शिवलिंग का पूजन जगह-जगह पर किया गया है, लेकिन काशी में पहली बार नौ पीठाधीश्वरों, शंकराचार्य और सनातन धर्मियों की मौजूदगी में 10,000 से ज्यादा लोगों की जुटान के साथ एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग का पूजन विश्व कल्याण और धर्म परिरक्षण के लिए किया जाएगा.
![One Crore Shivling](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-11-2023/up-var-1-shivling-7200982_18112023143558_1811f_1700298358_451.jpg)
कौन करा रहा इतना बड़ा कार्यक्रमः आयोजन करने वाले श्री श्री श्री श्री विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र साईं ने बताया कि 19 से 27 नवंबर तक यह अनुष्ठान शिवाला घाट वाराणसी के चेत सिंह किले में होगा. यहां एक करोड़ एक लाख पार्थिव शिवलिंग को तैयार करने के बाद इनका पूजन किया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि काशी में यदि पार्थिव शिवलिंग का पूजन हो तो हर मनोकामना पूर्ण होती है.
एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग के पूजन का क्या है उद्देश्यः इसी मनोकामना पूर्ति के साथ वाराणसी पहुंचे 10,000 से ज्यादा लोग इस अनुष्ठान में शामिल होंगे. इसमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण भारत के लोगों की होगी. जिसमें सबसे ज्यादा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग शामिल होंगे. रामचंद्र ने बताया कि विश्व कल्याण और धर्म परिरक्षण के लिए पहली बार कार्तिक के महीने में एक करोड़ शिवलिंग का अर्चन किया जा रहा है. इस आयोजन में भारत समेत दुबई, कनाडा, नीदरलैंड और अन्य जगहों के पीठाधीश्वर भी भाग लेंगे.
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एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग बनाने का जिम्मा तेलंगाना को मिलाः उन्होंने बताया कि पूरे दक्षिण भारत में अलग-अलग स्थान पर इन एक करोड़ शिवलिंग को बनाने का काम किया गया है. जिसके जिम्मेदारी हैदराबाद की महालक्ष्मी जी को दी गई थी. उनके साथ मिलकर 5000 महिलाओं के अलावा लगभग पूरे भारत के 58 अलग-अलग केंद्रों पर 10,000 लोगों ने मिलकर 5 महीने में इन एक करोड़ शिवलिंग को तैयार किया है. यह एक करोड़ शिवलिंग काशी पहुंच चुके हैं. लगभग 2500 कर्टन में इन शिवलिंग को यहां पर रखा गया है. एक कर्टन में लगभग 4200 शिवलिंग हैं.
पांच महीने में बनकर तैयार हुए एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगः रामचंद्र ने बताया कि यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है, क्योंकि एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 1000 शिवलिंग बना सकता है. 10,000 लोगों की टीम ने पांच महीने में यह बड़ा कार्य पूर्ण किया है जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. इसके लिए वाराणसी में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि पहली बार इतने बड़े स्तर पर होने वाले आयोजन को वर्ल्ड रिकॉर्ड की श्रेणी में भी दर्ज करवाने का प्रयास किया जा सके.
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क्यों महत्वपूर्ण है एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग का पूजनः यह आयोजन इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर के भव्य कार्यक्रम में स्थापना का समारोह को पूर्ण किया जाना है. उसके पहले काशी में एक करोड़ शिवलिंग के पूजन के साथ आयोजन की सफलता की कामना भी की जाएगी. आयोजकों का कहना है कि भगवान राम किसी भी कार्य से पहले शिव का पूजन करते थे और काशी में भी विश्व शांति के लिए होने वाला यह आयोजन राम मंदिर आयोजन से पहले अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है.
![One Crore Shivling](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-11-2023/up-var-1-shivling-7200982_18112023143558_1811f_1700298358_153.jpg)
पूजन के बाद एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग घर-घर पहुंचाए जाएंगेः इस आयोजन के बाद इन एक करोड़ शिवलिंग को भारत की जनता के घर-घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. इसके लिए भारत सरकार से भी मदद मांगी गई है. आयोजक बता रहे हैं कि दक्षिण भारत समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में इन शिवलिंग को भेजा जाएगा, ताकि इनका पूजन विधिवत जारी रहे.
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