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प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी ने झोंकी ताकत, टीएमसी ने किया लो-प्रोफाइल प्रचार

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Published : Sep 27, 2021, 7:35 PM IST

भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा पूरे निर्वाचन क्षेत्र में हाई-प्रोफाइल प्रचार किया. जबकि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने लो प्रोफाइल बनाए रखने का फैसला किया.

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कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक शानदार रोड शो की बहुत उम्मीद थी लेकिन सभी को आश्चर्य हुआ कि उन्होंने खुद को अभियान से दूर रखा. केवल सुबह के घंटों में उनके भरोसेमंद लेफ्टिनेंट और राज्य परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री के लिए वोट मांगने भवानीपुर पहुंचे.

वहीं राज्य स्तर के कई शीर्ष भाजपा नेताओं ने सोमवार की सुबह से देर शाम तक अभियान जारी रखा. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, जो वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद हैं, सोमवार दोपहर को सुर्खियों में आ गए, जब उन्हें अपने प्रचार अभियान के दौरान उत्तेजित तृणमूल कांग्रेस के क्रोध का सामना करना पड़ा. भाजपा नेतृत्व ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने घोष के साथ बदसलूकी की और उनके साथ मारपीट की गई.

इस मामले ने दक्षिण कोलकाता के जादूबुर बाजार इलाके में तनाव पैदा कर दिया. सोमवार को घोष के चुनाव प्रचार के लिए इलाके में पहुंचने के बाद स्थानीय तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया और गो बैक के नारे लगाने लगे. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई और इस दौरान एक भाजपा समर्थक के सिर में चोट लग गई. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घोष ने भी एक समय अपना आपा खो दिया और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर चिल्लाते हुए कहा कि मैं किन्नर नहीं हूं. मैं भी जवाबी कार्रवाई कर सकता हूं. पश्चिम बंगाल में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि एक समय पर उनके अंगरक्षकों को उत्तेजित तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर अपनी सर्विस पिस्टल ताननी पड़ी. उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि हार के डर से भाजपा इस तरह के नाट्क का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि भवानीपुर में भाजपा के पास न तो कोई संगठनात्मक ताकत है और न ही कोई मतदान एजेंट.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मदन मित्रा ने कहा कि दिलीप घोष पहले ही पार्टी में अपना पद खो चुके हैं और अब सुवेंदु अधिकारी के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी कुर्सी छोड़ने का समय आ गया है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य ने इस घटना को भवानीपुर के लोगों की प्राकृतिक पीड़ा की अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित किया क्योंकि अतीत में कई बार घोष ने मुख्यमंत्री के बारे में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था.

यह भी पढ़ें-भवानीपुर हंगामा : दिलीप घोष बोले- चुनाव आयोग खामोश, ममता सरकार से EC ने मांगी रिपोर्ट

बाद में अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार किया और कहा कि यदि टिबरेवाल उपचुनाव में मुख्यमंत्री को हराने में सक्षम रहती हैं तो वे पार्टी आलाकमान से पश्चिम बंगाल में उन्हें विपक्ष के नेता की कुर्सी देने की सिफारिश करेंगे.

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक शानदार रोड शो की बहुत उम्मीद थी लेकिन सभी को आश्चर्य हुआ कि उन्होंने खुद को अभियान से दूर रखा. केवल सुबह के घंटों में उनके भरोसेमंद लेफ्टिनेंट और राज्य परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री के लिए वोट मांगने भवानीपुर पहुंचे.

वहीं राज्य स्तर के कई शीर्ष भाजपा नेताओं ने सोमवार की सुबह से देर शाम तक अभियान जारी रखा. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, जो वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद हैं, सोमवार दोपहर को सुर्खियों में आ गए, जब उन्हें अपने प्रचार अभियान के दौरान उत्तेजित तृणमूल कांग्रेस के क्रोध का सामना करना पड़ा. भाजपा नेतृत्व ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने घोष के साथ बदसलूकी की और उनके साथ मारपीट की गई.

इस मामले ने दक्षिण कोलकाता के जादूबुर बाजार इलाके में तनाव पैदा कर दिया. सोमवार को घोष के चुनाव प्रचार के लिए इलाके में पहुंचने के बाद स्थानीय तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया और गो बैक के नारे लगाने लगे. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई और इस दौरान एक भाजपा समर्थक के सिर में चोट लग गई. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घोष ने भी एक समय अपना आपा खो दिया और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर चिल्लाते हुए कहा कि मैं किन्नर नहीं हूं. मैं भी जवाबी कार्रवाई कर सकता हूं. पश्चिम बंगाल में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि एक समय पर उनके अंगरक्षकों को उत्तेजित तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर अपनी सर्विस पिस्टल ताननी पड़ी. उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि हार के डर से भाजपा इस तरह के नाट्क का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि भवानीपुर में भाजपा के पास न तो कोई संगठनात्मक ताकत है और न ही कोई मतदान एजेंट.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मदन मित्रा ने कहा कि दिलीप घोष पहले ही पार्टी में अपना पद खो चुके हैं और अब सुवेंदु अधिकारी के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी कुर्सी छोड़ने का समय आ गया है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य ने इस घटना को भवानीपुर के लोगों की प्राकृतिक पीड़ा की अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित किया क्योंकि अतीत में कई बार घोष ने मुख्यमंत्री के बारे में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था.

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बाद में अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार किया और कहा कि यदि टिबरेवाल उपचुनाव में मुख्यमंत्री को हराने में सक्षम रहती हैं तो वे पार्टी आलाकमान से पश्चिम बंगाल में उन्हें विपक्ष के नेता की कुर्सी देने की सिफारिश करेंगे.

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